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Jharkhand Election: पिछले चुनाव में 85 प्रतिशत उम्मीदवार नहीं बचा पाए थे जमानत, लिस्ट में 7 दिग्गजों के नाम

झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में 85 प्रतिशत उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे। इनमें पूर्व मंत्री विधायक सहित कई दिग्गज भी शामिल थे। जदयू के भी सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। पिछले चुनाव में राज्य की 81 विधानसभा सीटों पर कुल 1216 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। इनमें से 1039 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी।

By Neeraj Ambastha Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 18 Oct 2024 03:20 PM (IST)
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झारखंड के पिछले चुनाव में 85% उम्मीदवारों की जब्त हुई थी जमानत (जागरण ग्राफिक)

नीरज अम्बष्ठ, रांची। वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election) में मैदान में उतरे 85 प्रतिशत उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे। इनमें पूर्व मंत्री, विधायक सहित कई दिग्गज भी सम्मिलित थे। पिछले चुनाव में राज्य की 81 विधानसभा सीटों पर कुल 1,216 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

इनमें से 1,039 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। जिनकी जमानत जब्त हुई थी, उनमें 934 पुरुष, 104 महिला तथा एक थर्ड जेंडर थे। पिछले चुनाव में एक थर्ड जेंडर ने भी चुनाव लड़ा था।

नीतीश के सभी उम्मीदवारों की जब्त हुई थी जमानत

पिछले विधानसभा चुनाव में कई ऐसे दल थे, जिनके सभी उम्मीदवारों की पिछले चुनाव में जमानत जब्त हो गई थी। इनमें तृणमूल कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआईएम जैसे राष्ट्रीय दल भी थे। जदयू के भी सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। सबसे अधिक झाविमो के 76 उम्मीदवारों की जब्त हुई थी। आजसू के भी 53 में 37 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे। जदयू के सभी 45 उम्मीदवारों की यह हालत हुई थी।

किन प्रमुख नेताओं की जमानत हुई जब्त?

जिन प्रमुख नेताओं की जमानत जब्त हुई थी उनमें पूर्व मंत्री चंद्रशेखर दूबे, राधाकृष्ण किशोर, सुधा चौधरी, सबा अहमद, पूर्व विधायक शिवपूजन मेहता, पौलूस सुरीन आदि सम्मिलित हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के विरुद्ध जमशेदपुर पूर्वी में चुनाव लड़नेवाले कांग्रेस के उम्मीदवार गाैरव वल्लभ की भी जमानत जब्त हो गई थी।

कभी राज्य के बड़े नक्सली में पहचान रखनेवाले कुंदन पाहन को भी जनता ने नकार दिया था। इनके अलावा सुफल मरांडी, निजामुद्दीन अंसारी, माधवलाल सिंह, राजकिशाेर महताे, बड़कुंवर गगराई सरीखे नेता भी अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे।

कब जब्त होती है जमानत?

चुनाव में नामांकन पत्र भरते समय उम्मीदवार को एक निश्चित धनराशि सिक्योरिटी मनी के रूप में जमा करनी होती है। जब कोई उम्मीदवार चुनाव में कुल मतों का छठवां हिस्सा प्राप्त करने में विफल हो जाता है तो आयोग यह राशि जब्त कर लेता है। अन्यथा उसे यह राशि वापस कर दी जाती है। संसदीय चुनाव के लिए यह राशि 25 हजार रुपये और विधानसभा चुनाव के लिए 10 हजार रुपये है।

प्रमुख दलों की क्या रही थी स्थिति?

दल चुनाव लड़नेवाले उम्मीदवार जीते जमानत जब्त
भाजपा 79 25 06
कांग्रेस 31 16 06
झामुमो 43 30 04
आजसू 53 02 37
झाविमो 81 03 76

राजद

07 01 01
जदयू 45 00 45
एनसीपी 07 01 06
बसपा 66 00 63
टीएमसी 26 00 26
सीपीआई 18 00 18
सीपीआईएम 09 00 09

कब कितने उम्मीदवारों की जब्त हुई थी जमानत?

वर्ष उम्मीदवार जमानत जब्त
2005 1390 1206
2009 1491 1299
2014 1136 947
2019 1216 1039

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