Jharkhand Election: लुइस मरांडी का 'खेल' BJP को करेगा 'फेल'? झारखंड में बैकफुट पर दिख रही भाजपा
झारखंड चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। पूर्व मंत्री लुइस मरांडी समेत कई नेताओं ने पार्टी छोड़कर झामुमो का दामन थाम लिया है। इससे संताल परगना में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। लुइस मरांडी ने 2014 में दुमका सीट से जीत हासिल की थी। उनके पार्टी छोड़ने से बीजेपी को इस महत्वपूर्ण प्रमंडल में नुकसान हो सकता है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में भारतीय जनता पार्टी को सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने जोर का झटका दिया है। रघुवर सरकार में मंत्री रहीं लुइस मरांडी समेत आधा दर्जन भाजपा नेताओं व पूर्व विधायकों के झामुमो में चले जाने से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। लुइस मरांडी प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष थीं। उनके दल बदलने से संताल परगना में काफी प्रभाव पड़ेगा, जहां भाजपा इस चुनाव में वापसी की कोशिश कर रही है।
लुइस मरांडी ने झामुमो की परंपरागत दुमका सीट पर कड़ी चुनौती पेश की थी। उन्होंने 2014 के विधानसभा चुनाव में कामयाबी पाई। लुइस के पार्टी बदलने से भाजपा इस महत्वपूर्ण प्रमंडल में फिलहाल बैकफुट पर दिख रही है। बताया गया कि संताल परगना में भाजपा के कुछ और प्रभावी नेता झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल होने की कतार में हैं। शीर्ष नेतृत्व उनके आवेदन पर मंथन कर रहा है।
शिबू सोरेन का पांव छूकर आशीर्वाद लेने पहुंचीं लुइस मरांडी।लुइस के साथ-साथ वैसे कई नेताओं ने झामुमो का दामन थामा, जो आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान पहुंचाने का माद्दा रख सकते हैं। झामुमो की एक कोशिश यह भी होगी कि इन नेताओं को आगे कर भाजपा के खिलाफ हथियार बनाया जाए।
उल्लेखनीय है कि यही प्रयोग भाजपा भी करती रही है। झामुमो से आने वाले चंपई सोरेन जहां लगातार भाजपा की नीतियों की सराहना करते हुए झामुमो को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं, वहीं सीता सोरेन भी झामुमो पर प्रहार करने का कोई मौका नहीं चूकती। ठीक ऐसी ही रणनीति पर मोर्चा काम करेगी, जिससे भाजपा के वैसे मुद्दों की धार कुंद हो सके जो चुनाव के दौरान उछाले जा रहे हैं।
इन प्रभावी नेताओं की आड़ में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने यह भी संदेश देने की कोशिश की है कि भारतीय जनता पार्टी में निष्ठावान कार्यकर्ताओं की पूछ नहीं है और दूसरे दलों से आए नेता तेजी से कब्जा जमा रहे हैं।
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