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Jharkhand Result: झारखंड में बड़ी हार के बाद भाजपा में बढ़ी चहल-पहल, संगठन में बदलाव की तैयारी; अब ये है अगला प्लान

विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने इसके कारणों की तलाश शुरू कर दी है। राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष ने चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान हिमंत बिस्व सरमा और संगठन प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी से रिपोर्ट मांगी है। प्रदेश भाजपा भी एक रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपेगी। नए साल में भाजपा प्रदेश संगठन को नया नेतृत्व मिल सकता है।

By Dibyanshu Kumar Edited By: Mukul Kumar Updated: Sun, 24 Nov 2024 07:01 PM (IST)
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बड़ी हार के बाद संगठन में बड़ा बदलाव करेगी भाजपा
राज्य ब्यूरो, रांची। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने कारणों की तलाश प्रारंभ कर दी है। राष्ट्रीय संगठन महांत्री बीएल संतोष ने दोनों चुनाव प्रभारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और संगठन प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है।

प्रदेश भाजपा भी इस संबंध में एक रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपेगी। नए साल के प्रारंभ के साथ ही भाजपा प्रदेश संगठन को नया नेतृत्व मिलने की बात पार्टी के सूत्र बता रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी विधानसभा का चुनाव जीत गए हैं। ऐसे में उन्हें सदन में जिम्मेदारी दी जा सकती है।

प्रदेश अध्यक्ष के लिए इस बार भाजपा ओबीसी या सामान्य वर्ग के किसी प्रभावशाली नेता का नाम आगे करने की सोच रही है।

चुनाव में हारे हुए लेकिन सरकार का जोरदार तरीके से विरोध करने की क्षमता रखने वाले किसी नेता को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। संगठन नें बदलाव की चर्चा पर अभी किसी भी नेता ने बात करने से मना कर दिया है।

प्रदेश अध्यक्ष के साथ बदले जाएंगे संगठन महामंत्री

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के साथ संगठन महामंत्री के पद पर किसी नए व्यक्ति को ला सकती है। वर्तमान संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह लोकसभा चुनाव से पहले झारखंड आए थे। लोकसभा चुनाव के समय ही चर्चा थी कि संगठन महामंत्री को सहयोग करने के लिए किसी सह संगठन मंत्री की नियुक्ति हो सकती है।

करारी हार के बाद राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने कार्यकर्ताओं से समन्वय के लिए किसी नए या सहयोगी संगठन महामंत्री को भेजने की जरूरत महसूस की जा रही है। भाजपा में संगठन महामंत्री का दायित्व आरएसएस के किसी प्रचारक को दिया जाता है।

सतगावां में दूसरे स्थान पर रही भाजपा

कोडरमा विधानसभा चुनाव में सतगावां से राजद के सुभाष यादव को 14,793 व भाजपा के नीरा यादव को 11,531 वोट मिले। निर्दलीय प्रत्याशी शालिनी गुप्ता को 4,006 वोटों से ही संतोष करना पड़ा। स्थानीय लोगों के अनुसार, सतगावां में लंबे समय के बाद भाजपा को दस हजार से अधिक वोट मिले हैं।

बाबूलाल मरांडी के मुख्यमंत्री काल में सतगावां की सकरी नदी पर मरचोई, माधोपुर, जोड़ा सिमर, दुमदुमा व तमोरीया नदी के झाझीडीह, अंगार, करचैता के समीप पुल निर्माण किया गया था। इससे यहां की जनता के आवागमन की परेशानी हमेशा के लिए दूर हुई। उसके बाद से यहां की जनता का झुकाव भाजपा की ओर हुआ।

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