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Jharkhand Election Results 2024: जयराम महतो की पार्टी ने आजसू को कराया 'राम-राम', मांडू ने बचाई इज्जत

आजसू पार्टी ने एनडीए गठबंधन के तहत 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन पार्टी केवल एक सीट पर ही चुनाव जीत पाई। मांडू से निर्मल महतो उर्फ तिवारी महतो ने महज 231 वोटों से चुनाव जीतकर पार्टी की इज्जत बचाई। AJSU को सबसे ज्यादा नुकसान बड़े कुर्मी नेता के रूप में उभरे जयराम महतो की पार्टी से हुआ जिसकी वजह से पार्टी महज एक सीट पर सिमट गई।

By Neeraj Ambastha Edited By: Divya Agnihotri Updated: Sat, 23 Nov 2024 08:44 PM (IST)
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झारखंड चुनाव में केवल एक सीट जीत पाई AJSU
राज्य ब्यूरो,रांची। एनडीए में प्रमुख सहयोगी दल की भूमिका निभाने वाली आजसू पार्टी का झारखंड चुनाव में सूपड़ा साफ होने से बच गया। मांडू से निर्मल महतो उर्फ तिवारी महतो ने मात्र 231 मतों से जीत दर्ज कर पार्टी की इज्जत बचाई। यह पहला मौका होगा, जब झारखंड विधानसभा चुनाव में आजसू पार्टी का महज एक विधायक होगा।

बड़े कुर्मी नेता के रूप में उभरे जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) आजसू की इस शर्मनाक हार का सबसे बड़ा कारण बनी। आजसू को जिन सीटों पर हार का सामना करना पड़ा, उनमें अधिसंख्य में जयराम की पार्टी ने तीसरे स्थान पर रहते हुए भी अच्छे वोट हासिल किए। आजसू प्रत्याशियों की हार में यह प्रमुख फैक्टर रहा। इसी फैक्टर के कारण ही पार्टी को कुर्मी बहुल क्षेत्रों में भी जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा।

NDA गठबंधन के तहत 10 सीटों पर लड़ा चुनाव

आजसू पार्टी ने एनडीए गठबंधन के तहत 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इनमें पार्टी की स्थिति यह रही कि स्वयं अध्यक्ष सुदेश महतो चुनाव हार गए। सुदेश सहित आजसू के तीनों विधायक भी अपनी सीट नहीं बचा पाए। सिल्ली में जयराम की पार्टी के प्रत्याशी देवेंद्र नाथ महतो ने तीसरे स्थान पर रहकर 41,129 वोट हासिल किए, जबकि सुदेश को 23,879 वोट से हार का सामना करना पड़ा। यहां से झामुमो के अमित कुमार हीरो रहे।

गोमिया से डॉ. लंबोदर महतो तीसरे स्थान पर चले गए। यहां जयराम की पार्टी की प्रत्याशी पूजा कुमारी दूसरे स्थान पर रहीं। लंबोदर महतो को झामुमो के योगेंद्र महतो ने हराया। रामगढ़ में चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता चौधरी भी अपनी सीट बचा नहीं पाईं। उन्हें कांग्रेस की ममता देवी ने दूसरी बार हराया। ममता देवी को एक मामले में सजा होने के बाद वहां हुए उपचुनाव में किसी तरह सुनीता चुनाव जीती थीं। रामगढ़ में भी जयराम की पार्टी का प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहा।

जयराम महतो का फैक्टर आजसू पर इतना हावी रहा कि डुमरी उपचुनाव में दूसरे स्थान पर रहने वाली आजसू पार्टी की प्रत्याशी यशोदा देवी दूसरे स्थान से तीसरे स्थान पर चली गईं। यहां स्वयं जयराम महतो ने चुनाव जीता। इसी तरह, ईचागढ़ में भी जेएलकेएम क प्रत्याशी तरुण महतो तीसरे स्थान पर रहे। यहां से भी आजसू प्रत्याशी हरेलाल महतो दूसरे स्थान पर रहकर चुनाव हार गए गए। मनोहरपुर में आजसू ने कमजोर प्रत्याशी दिया था। आजसू पार्टी ने संगठन की मजबूती के लिए चुल्हा प्रमुख का कांसेप्ट लाया वो भी सफल नहीं रहा।

स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण को लेकर राजनीति

1932 के खतियान आधारित स्थानीयता नीति और ओबीसी के आरक्षण बढ़ाने के नाम पर राजनीति करने वाली आजसू पार्टी ने चुनाव के समय इसपर कोई मुखरता नहीं दिखाई। अपने घोषणापत्र में इसे स्थान तो दिया, लेकिन दबे रूप से। दूसरी तरफ, अपने सहयोगी दल भाजपा के घोषणा पत्र में इसे सम्मिलित नहीं करा सकी।

आजसू को कब कितनी सीट मिली

  • वर्ष 2005- 02
  • वर्ष 2009- 05
  • वर्ष 2014- 05
  • वर्ष 2019- 02
  • वर्ष 2024- 01
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