Jharkhand Bijli Rate: झारखंड में महंगी हो सकती है बिजली, प्रति यूनिट 2.85 रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव
झारखंड में बिजली महंगी हो सकती है। जेबीवीएनएल ने इसकी तैयारी कर ली है। बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रति यूनिट घरेलू बिजली में 2.85 रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। वर्तमान दर 6.65 रुपये प्रति यूनिट दर है। इसके साथ फिक्स्ड चार्ज में भी बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव है। साफ है चुनाव से पहले लोगों की जेब पर बोझ बढ़ सकता है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में बिजली की दरों में वृद्धि हो सकती है। राज्य विद्युत नियामक आयोग जल्द ही इस क्रम में जनसुनवाई आरंभ करेगा। इस प्रक्रिया की शुरुआत 21 अगस्त से होगी। इसके बाद क्रमशः धनबाद, देवघर, डालटनगंज और रांची में जनसुनवाई का आयोजन होगा।
बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रति यूनिट घरेलू बिजली में 2.85 रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। वर्तमान दर 6.65 रुपये प्रति यूनिट दर है। इसके साथ फिक्स्ड चार्ज में भी बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव है।
जेबीवीएनएल ने टैरिफ प्रस्ताव जारी कर उपभोक्ता से आपत्ति भी मांगी थी। हालांकि, चुनाव को देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि ज्यादा लोड उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
जनसुनवाई की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद राज्य विद्युत नियामक आयोग दरों की घोषणा करेगा।
बगैर अनुमति के टीवीएनएल के लेखा निदेशक ने किए 100 करोड़ फिक्स डिपॉजिट
राज्य सरकार के ऊर्जा उत्पादक संयंत्र तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड (टीवीएनएल) में बगैर उच्चाधिकारियों की अनुमति के 100 करोड़ रुपये फिक्स डिपॉजिट का मामला सामने आया है। इस आरोप में टीवीएनएल के लेखा निदेशक सौरव झा को प्रबंधन ने शोकाज जारी करते हुए स्पष्टीकरण पूछा है।
उनसे तीन बार जवाब मांगा गया है, लेकिन उन्होंने अपना लिखित पक्ष प्रबंधन को प्रेषित नहीं किया है। उनपर 100 करोड़ रुपये के फिक्स डिपॉजिट में गड़बड़ी, धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए गए हैं।
प्रबंधन द्वारा भेजे गए शोकाज में यह भी उल्लेख है कि बैंक के साथ मिलकर उन्होंने अपना निजी हित साधा और 50 लाख रुपये का नुकसान कराया। लेखा निदेशक पर आरोप है कि बीते 26 जून को निगम के 100 करोड़ रुपये का फिक्स डिपॉजिट के लिए 10 पैनल बैंकों को उच्चतम ब्याज दर के लिए पत्र भेजा गया। सभी बैंकों से ऑफर मिलने के बाद लेखा निदेशक ने मातहत अधिकारियों को जबरन मजबूर किया और आठ बैंकों का ही ऑफर खोला। बगैर सोचे-समझे एवं नियम विरुद्ध अन्य बैंकों से मिलकर कम ब्याज दर पर फिक्स डिपॉजिट जमा कर दिया।
सक्षम प्राधिकार का अनुमोदन लिए बगैर एचडीएफसी और इंडसइंड बैंक में 50-50 करोड़ रुपये फिक्स डिपाजिट के रूप में जमा किए। बिना अनुमति एवं सूझबूझ और मातहत अधिकारियों को डरा-धमकाकर बैंकों के साथ मिलकर ऐसा करना नियम विरुद्ध है, जो घोर अपराध एवं अन्याय की श्रेणी में आता है।
एमडी कर रहे षड्यंत्र, मैंने नहीं किया फिक्स डिपॉजिट: लेखा निदेशक
टीवीएनएल के लेखा निदेशक सौरव झा का कहना है कि उनके विरुद्ध प्रबंध निदेशक अनिल कुमार शर्मा षड्यंत्र कर रहे हैं। उन्होंने कोई फिक्स डिपॉजिट नहीं किया है। तीन बार उन्होंने आवेदन देकर आग्रह किया है कि आरोपों से संबंधित फाइल उन्हें दी जाए।
उन्होंने दावा किया कि एमडी ने उप लेखा निदेशक कृष्ण कुमार सिंह और लेखा पदाधिकारी अभिनव गौरव के साथ मिलकर षड्यंत्र किया है। इन दोनों पदाधिकारियों ने ही बगैर उनकी अनुमति के चेक पर हस्ताक्षर कर बैंक को भेज दिया। फाइल पर अनुमोदन एमडी करते हैं। उन्होंने मुझसे कोई निर्देश नहीं मांगा। उनके दायरे में चेक जारी करना नहीं है।
लेखा निदेशक के अनुसार उनपर लगाए गए आरोप आधारहीन और छवि धूमिल करने वाले हैं। एमडी लेखा विभाग में उनके मातहत अधिकारियों को अपने स्तर से निर्देश देते हैं।
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