Move to Jagran APP

ईडी का दावा, पूर्व मंत्री आलमगीर आलम ने की थी 56 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग; 9 'कोड वर्ड' से किया बड़ा खेल

ईडी ने दावा किया है कि पूर्व मंत्री आलमगीर आलम ने टेंडर के कार्य आवंटन में कमीशन के माध्यम से 56 करोड़ रुपये की काली कमाई की थी। जांच में सामने आया कि आलम ने अपने निजी सचिव संजीव के माध्यम से 35 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में लिए। इस घोटाले में कई कोड वर्ड का इस्तेमाल किया गया जैसे टीयू यूएम एसपीएल एलओ जेएसआरडी आरआइएन साह और अपना।

By Dilip Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 17 Oct 2024 09:22 PM (IST)
Hero Image
ईडी के मामले में आलमगीर आलम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। (जागरण ग्राफिक)
राज्य ब्यूरो, रांची। टेंडर के कार्य आवंटन में कमीशन से ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम (Alamgir Alam) ने 56 करोड़ रुपये की काली कमाई की थी। इस घोटाले की जांच कर रही ईडी ने अनुसंधान में मिले इन तथ्यों से पीएमएलए कोर्ट को अवगत कराया है।

ईडी ने कोर्ट को बताया कि इस 56 करोड़ रुपये में पूर्व मंत्री आलमगीर आलम ने 35 करोड़ रुपये अपने अपने निजी सचिव संजीव कुमार लाल के माध्यम से कमीशन के रूप में लिया था। तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम के लिए संजीव कुमार लाल मुख्य अभियंता, अभियंताओं से कमीशन की राशि वसूलते थे और मंत्री को उनका शेयर पहुंचाते थे।

ऊपर से नीचे तक के सभी टेंडरों में कमीशन वसूली का पूरा नियंत्रण संजीव कुमार लाल के पास था। संजीव कुमार लाल कमीशन की राशि अपने नौकर जहांगीर आलम के माध्यम से वसूलते थे। टेंडर के कार्य आवंटन के एवज में 1.35 प्रतिशत कमीशन निजी सजीव संजीव कुमार लाल के माध्यम से तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम वसूलते थे। वहीं, 1.65 प्रतिशत कमीशन वरिष्ठ नौकरशाहों, इंजीनियरों व कर्मियों तक पहुंचते थे।

संजीव ने मुन्ना सिंह के माध्यम से कमीशन में वसूले थे 53 करोड़ रुपये

पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव कुमार लाल ने अपने दोस्त मुन्ना सिंह के माध्यम से कमीशन में 53 करोड़ रुपये की वसूली कराई थी। इनमें से मुन्ना सिंह ने 50 करोड़ रुपये संजीव लाल को उनके नौकर जहांगीर आलम के माध्यम से दिया था। मुन्ना सिंह के ठिकाने से 2.93 करोड़ रुपये बरामद हुए थे।

कमीशन की वसूली से लेकर संजीव कुमार लाल तक उक्त राशि पहुंचाने में मुन्ना सिंह के भाई संतोष कुमार उर्फ रिंकू सिंह ने सहयोग किया। मुन्ना सिंह ने भी ईडी के सामने स्वीकारा है कि बरामद 53 करोड़ रुपये ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर संतोष कुमार, राजकुमार टोप्पो, अजय कुमार, अशोक कुमार गुप्ता, व अजय तिर्की से वसूले गए थे।

कमीशन वसूली व वितरण में इस्तेमाल होते थे ये कोड

  • टीयू : सिंगराई टूटी, सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता जेएसआरआरडीए व आरडब्ल्यूडी।
  • यूएम : उमेश कुमार, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, जेएसआरआरडीए।
  • एसपीएल : स्पेशल डिविजन।
  • एलओ : राजीव लोचन, सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता, आरडब्ल्यूडी।
  • जेएसआरडी : जेएसआरआरडीए।
  • आरआइएन : रिंकू, मुन्ना सिंह का भाई।
  • साह : आलमगीर आलम के लिए साहब का इस्तेमाल।
  • साहब : आलमगीर आलम।
  • अपना : मतलब, संजीव कुमार लाल का अपना शेयर।
ये भी पढ़ें- Jharkhand Election 2024: झामुमो 43 और कांग्रेस 29 सीटों पर लड़ेगी विधानसभा चुनाव, RJD और माले को क्या मिला?

ये भी पढ़ें- Jharkhand: आलमगीर के साथ हो गया 'खेला', इधर कांग्रेस ने दी बड़ी जिम्मेदारी; उधर हाईकोर्ट ने दे दी नई टेंशन

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।