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इलाज के नाम पर एम्स रेफर किए गए झारखंड के पूर्व मंत्री दिल्ली में घूमते रहे, लापरवाही में नपे 6 पुलिसकर्मी

Jharkhand Political Updates News योगेंद्र साव पंजाब और हरियाणा में मौज कर रहे थे। रिम्स के डॉक्टरों की टीम के बोर्ड ने अनुशंसा करके भेजी थी। कई मामलों के आरोपित पूर्व मंत्री बिरसा मुंडा जेल के कैदी हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Fri, 16 Oct 2020 11:10 PM (IST)
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झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव। फ़ाइल फ़ोटो
जेएनएन, रांची : महज ग्लूकोमा के इलाज के लिए रिम्स में डॉक्टरों के बोर्ड ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के बंदी पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को एम्स दिल्ली ले जाने की अनुमति दे दी। इलाज के नाम पर योगेंद्र साव निकले तो दिल्ली के लिए, लेकिन पंजाब व हरियाणा में घूमते रहे। अब वे दिल्ली से आकर जेल में बंद हो गए हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा में तैनात छह पुलिसकर्मी-पदाधिकारी नप गए हैं। रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने इन छह पुलिसकर्मियों-पदाधिकारियों को कर्तव्यहीनता व लापरवाही के मामले में निलंबित कर दिया है। कहा कि इन लोगों ने अपने कत्र्तव्य का पालन ठीक से नहीं किया, जांच में पुष्टि के बाद उनपर कार्रवाई की गई है। योगेंद्र साव की सुरक्षा में तैनात दारोगा सहित छह पुलिसकर्मी का लोकेशन पंजाब, हिमाचल, जम्मू और यूपी में मिला। इसके बावजूद वे झूठ बोलते रहे कि वे दिल्ली से बाहर नहीं गए। हालांकि इस मामले में योगेंद्र साव के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया है। ग्लूकोमा जैसी बीमारी के लिए एम्स भेजने के फैसले पर भी रिम्स के डॉक्टरों पर सवाल उठ रहे हैं। 

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जेल मैनुअल का किया उल्लंघन :

जेल मैनुअल के अनुसार कोई भी बंदी अगर इलाज के लिए बाहर जाता है तो उसकी सुरक्षा में तैनात पदाधिकारी को अपने मुख्यालय को हर तीन दिन में रिपोर्ट देनी होती है। एक माह में दस रिपोर्ट आने थे जो नहीं आए। रिपोर्ट में इलाज का डिटेल्स, डॉक्टर की राय और रखने के स्थान का जिक्र होता है। योगेंद्र साव के मामले में रिपोर्ट नहीं आने के बाद ही शक गहराया और जांच हुई। लॉग बुक भी नहीं बना। 

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तिहाड़ की जगह लॉज में ठहरे, कांग्रेस नेताओं से मिलते रहे :

पुलिस की छानबीन में यह बात सामने आई कि पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को एम्स या तिहाड़ जेल में रखने की अनुमति थी। बावजूद, वे दिल्ली के हौजखास स्थित एक लॉज में ठहरे और कांग्रेस के नेताओं से मिलते रहे। अब जेल प्रशासन भी अपने स्तर से पूरे मामले की जांच कराएगा। इसके लिए एम्स से पूरा ब्योरा लिया जा रहा है कि उन्होंने कब-कब क्या इलाज करवाया है। योगेंद्र साव को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार से 30 अगस्त से 30 सितंबर के लिए एम्स ले जाने व इलाज कराने की अनुमति दी गई थी। 

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इन्हें किया गया सस्पेंड :  

दारोगा आनेश्वर ङ्क्षसह, हवलदार अनिल उरांव, सिपाही गोपाल ङ्क्षसह, अजय कुमार, दीपनारायण ङ्क्षसह और रामदेव प्रसाद को निलंबित करते हुए उनपर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है। 

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यह भी मिल रही जानकारी : 

सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के दिल्ली जाने के बाद उनकी सुरक्षा में प्रतिनियुक्त दारोगा आनेश्वर ङ्क्षसह सहित सभी पुलिसकर्मियों को घूमने के लिए भेजा गया। जबकि पूर्व मंत्री दिल्ली में ही जमे रहे और नेताओं और करीबियों से मिलते रहे। योगेंद्र साव ने ही पुलिसकर्मियों के घूमने और खाने-पीने की व्यवस्था कराई। इसके बाद सभी पंजाब, हिमाचल और यूपी घूमते रहे। मौज-मस्ती करते रहे। 

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कानून तोड़ते रहे हैं योगेंद्र साव :

पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के लिए कानून तोडऩा नई बात नहीं है। पूर्व में राज्य बदर किए जाने के बावजूद वे झारखंड पहुंचे और देवघर मंदिर में पूजा-अर्चना करते हुए उनकी तस्वीर व वीडियो वायरल हुआ था। पूर्व में भी रिम्स में इलाज के दौरान जेल मैनुअल तोडऩे के मामले में सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी निलंबित हो चुके हैं।

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बेहतर इलाज के लिए किया गया था रेफर : रिम्स

रिम्स में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव का इलाज चल रहा था। उनकी दोनों आंखों में एडवांस ग्लूकोमा था। उनका इलाज पहले से एम्स नई दिल्ली में चल रहा है। एडवांस ग्लूकोमा की शिकायत के बाद उन्हें बेहतर और एडवांस ट्रीटमेंट के लिए एम्स रेफर किया गया था। 

-डा. विवेक कश्यप, चिकित्सा अधीक्षक, रिम्स।

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