Jharkhand Excise Constable: झारखंड में लगातार मौत की घटनाओं के बाद उत्पाद सिपाहियों की बहाली स्थगित, बदलेगी नियमावली
झारखंड उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया में हुई घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने अगले तीन दिनों के लिए भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करने का आदेश दिया है। साथ ही दौड़ के पहले अभ्यर्थियों को नाश्ता व फल उपलब्ध कराने और दौड़ के दौरान होने वाली घटनाओं की जांच के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है।
जागरण टीम, रांची। झारखंड में उत्पाद सिपाहियों की नियुक्ति में लगातार हो रही युवाओं की मौत पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अगले तीन दिनों के लिए बहाली प्रक्रिया स्थगित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही भविष्य की सभी बहालियों के लिए नियमावली में भी बदलाव करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मौत की घटनाओं पर दुख जताते हुए पीड़ित और शोकाकुल परिवारों को सरकार की तरफ से सहायता पहुंचाने के लिए प्रस्ताव बनाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
इस बीच सोमवार को भी सिपाही भर्ती दौड़ के क्रम में गिरकर बेहोश हुए पलामू के पांडू निवासी अभ्यर्थी 22 वर्षीय दीपक पासवान की रांची के मेदातां अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। वह 28 अगस्त को पलामू के चियांकी भर्ती केंद्र पर दौड़ के क्रम में बेहोश होने के बाद पांच दिनों से इलाजरत था। इसके साथ ही 10 दिनो से चल रही झारखंड उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ में शामिल अभ्यर्थियों की मौत का आंकड़ा 12 तक पहुंच गया है।
उधर, पलामू के चियांकी हवाई अड्डा पर भर्ती कैंप में तैनात झारखंड पुलिस के जवान अजीत कुजूर की भी सोमवार को मौत हो गई। वह गुमला के रहने वाले थे और वर्तमान में लातेहार जिला बल में तैनात थे। एक दिन पहले रविवार को दौड़ के दौरान उन्होंने ड्यूटी भी की थी। सोमवार को अजीत कुजूर ड्यूटी पर नहीं पहुंचे। वह सीआरपीएफ 112 बटालियन के कैंपस में रहा करते थे। ड्यूटी पर नहीं पहुंचने पर जांच की गई तो पता चला कि उनकी तबीयत खराब है और वह दस्त से पीडि़त हैं। बाद में मेदिनीराय मेडिकल कालेज अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पलामू एसपी रिष्मा रमेशन ने बताया कि अजीत कुजूर की तबीयत खराब थी। वह बल्ड प्रेशर की भी दवा ले रहे थे। मामले में छानबीन की जा रही है।
मौत के कारणों की समीक्षा करेगी विशेषज्ञों की समिति
मुख्र्यमंत्री ने कहा है कि आखिर किन कारणों से हमारे गांव - समाज के अपेक्षाकृत स्वस्थ और चुस्त लोग पूर्व से चली आ रही शारीरिक परीक्षा में हताहत हो जा रहे हैं। पिछले तीन-चार वर्षों में सामान्य जन के स्वास्थ्य में ऐसा क्या बदलाव आया है। यह जानने के लिए इन युवाओं की असामयिक मृत्यु के कारणों की समीक्षा भी की जाएगी। सीएम ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की भी एक समिति का गठन कर परामर्श रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया है।
हर हाल में नौ बजे से पहले खत्म हो दौड़
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए गए निर्देश में कहा है कि दौड़ को सुबह जल्दी शुरू कर हर हाल में नौ बजे से पहले खत्म कर लिया जाय। सीएम ने कहा है कि भर्ती केंद्रों पर अभ्यर्थियों के लिए सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी और मेडिकल टीम तथा इलाज की सुविधा में भी वृद्धि की जाएगी। जिन अभ्यर्थियों को दौड़ के पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण की जरूरत महसूस होगी उनके लिए चिकित्सकों की पर्याप्त व्यवस्था होगी तथा सभी प्रतियोगिता स्थलों पर प्रतिभागियों के लिए नाश्ते व फल का प्रबंध किया जाएगा, ताकि कोई भूखे पेट दौड़ में हिस्सा न लें।क्यों है नियमावली में बदलाव की जरूरत?
झारखंड में 2016 में नियुक्ति नियमावली लागू हुई थी। इसमें सिपाहियों की भर्ती के लिए एक घंटे में 10 किलोमीटर की दौड़ की व्यवस्था लागू की गई। सिपाही बहाली में दौड़ के लिए तय की गई यह दूरी अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है। पड़ोसी राज्य बिहार समेत पंजाब, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में अभी साढ़े छह मिनट में 1.6 किलोमीटर की दौड़ पूरी कराई जाती है। वहीं उत्तर प्रदेश में पुरुषों को 4.8 किलोमीटर और महिलाओं को 2.4 किलोमीटर की दौड़ लगानी होती है। झारखंड में भी वर्ष 2016 से पहले पांच मिनट में 1.6 किलोमीटर (1600 मीटर) की दौड़ पूरी करने का नियम था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।