Move to Jagran APP

Jharkhand: उत्पाद दारोगा का सहोदर भाई ही कर रहा था शराब में मिलावट, जांच रिपोर्ट के बाद SI को किया गया निलंबित

Jharkhand Liqour Adulteration शराब में मिलावट का वायरल वीडियो जांच में सही पाया गया है। वीडियो हजारीबाग की जिला परिषद चौक की एक दुकान के गोदाम का है। यहां अनिल कुमार नामक व्यक्ति शराब में मिलावट करता था।

By Dilip KumarEdited By: Prateek JainUpdated: Fri, 17 Feb 2023 08:47 PM (IST)
Hero Image
शराब में मिलावट का वायरल वीडियो जांच में सही पाया गया है।
राज्य ब्यूरो, रांची: शराब में मिलावट का वायरल वीडियो जांच में सही पाया गया है। वीडियो हजारीबाग की जिला परिषद चौक की एक दुकान के गोदाम का है। यहां अनिल कुमार नामक व्यक्ति शराब में मिलावट करता था।

अनिल कुमार हजारीबाग के उत्पाद दारोगा अखिलेश कुमार का सहोदर भाई है। जांच टीम ने अपनी जांच में उत्पाद दारोगा अखिलेश कुमार की संलिप्तता पाई है।

प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश

जांच टीम की अनुशंसा के बाद आयुक्त उत्पाद ने दारोगा उत्पाद को निलंबित करने व इस मिलावट के धंधे में शामिल सभी दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दे दिया है।

विभाग को शक है कि मिलावट का यह मामला अन्य जिलों में भी होगा। इसके लिए सभी जिलों के संबंधित पदाधिकारियों को इसके लिए सचेत भी किया गया है और इसपर नजर रखने के लिए कहा गया है।

तीन सदस्‍यीय टीम की गई थी गठित 

गौरतलब है कि शराब में मिलावट का वीडियो वायरल होने के बाद आयुक्त उत्पाद कर्ण सत्यार्थी ने पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था।

जांच टीम में उपायुक्त उत्पाद मुख्यालय डा. राकेश कुमार, सहायक आयुक्त उत्पाद सुनील कुमार चौधरी व खूंटी के अधीक्षक उत्पाद सह प्रबंधक जेएसबीसीएल अखौरी धनंजय कुमार को शामिल किया गया था। जांच टीम ने हजारीबाग का दौरा किया और पूरे मामले की जांच की तो इसका खुलासा हुआ।

दैनिक जागरण ने एक दिन पहले ही प्रमुखता से प्रकाशित की थी खबर

दैनिक जागरण ने शराब में मिलावट मामले में एक दिन पहले ही खबर प्रकाशित की थी और सवाल उठाया था कि कहीं आप भी तो मिलावट वाली शराब नहीं पी रहे हैं। दरअसल, ब्रांडेड शराब की बोतलों में 30 प्रतिशत तक पानी मिलाने का मामला सामने आया था। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की जांच में इसकी पुष्टि हो गई है।

मिलावट को पहचानना मुश्किल है क्योंकि पानी मिलाने के बाद भी ब्रांडेड बोतल की पैकिंग पर कोई असर नहीं होता। दैनिक जागरण ने भी यह स्पष्ट कर दिया था कि वायरल वीडियो हजारीबाग का बताया जा रहा है।

जांच में भी वह वीडियो हजारीबाग का ही निकला। मिलावट का यह मामला हाफ व क्वार्टर बोतलों में आ रहा था। यह शराब नुकसान तो नहीं पहुंचा रही थी, लेकिन गुणवत्ता जरूर प्रभावित हो रही थी।

इन ब्रांडों में मिलावट की आई थी सूचना

उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग को जो सूचना पहुंची थी, उसके अनुसार आरएस, इंपीरियल ब्लू, ब्लैंडर प्राइड व 100 पाइपर की बोतलों में मिलावट हो रही थी। विभागीय जांच में स्थिति स्पष्ट हुई है।

पता चला है कि पानी की मिलावट बड़े 750 मिली वाले बोतलों में संभव नहीं है। यह हाफ व क्वार्टर बोतलों में हो रही है। इसके ढक्कन गर्म पानी से आसानी से निकल जाते हैं। इसमें से 30 प्रतिशत शराब निकालकर उसके स्थान पर पानी मिला दिया जाता है।

एक बड़े बोतल से कई छोटे बोतल बनाए जा रहे हैं और उसकी पैकिंग भी की जा रही है। होटलों-ढाबों व बार से खाली बोतल लेकर इसकी रीफिलिंग की शिकायतें विभाग को मिली है, जिसकी जांच अब विधिवत प्राथमिकी दर्ज करने के बाद होगी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।