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Jharkhand News: सरकारी स्कूलों के 4.70 लाख बच्चों को नहीं मिली किताबें, भाजपा विधायकों ने शिक्षा मंत्री को सुनाई खरी-खोटी

Jharkhand Monsoon Session झारखंड में सरकारी स्कूलों के 4.70 लाख बच्चों को अबतक किताबें नहीं मिल पाई है। बच्चों को पुस्तकें नहीं मिलने पर विधानसभा में भाजपा ने सरकार को घेरने की कोशिश की। भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार की नाकामी का खामियाजा बच्चों को उठाना पड़ रहा है। उनकी शिक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

By Neeraj Ambastha Edited By: Mohit Tripathi Updated: Wed, 31 Jul 2024 08:30 AM (IST)
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छात्रों को किताबें नहीं मिलने पर भाजपा विधायकों ने सरकार पर बोला हमला।

राज्य ब्यूरो, रांची। शैक्षणिक सत्र शुरू होने के कई माह गुजर जाने के बाद भी बड़ी संख्या में बच्चों को अभी तक पुस्तकें नहीं मिलने पर विधानसभा में विपक्ष ने सरकार को घेरने का प्रयास किया।

भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, सीपी सिंह, केदार हाजरा ने कहा कि सरकार की नाकामी का खामियाजा बच्चों को उठाना पड़ रहा है। उनकी शिक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

इसपर शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम ने कहा कि लोकसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण ही समय पर बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध नहीं हो पाई थी। भारत निर्वाचन आयोग का निर्देश था कि आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही बच्चों के बीच पुस्तकें वितरित की जाएं।

इसपर भाजपा विधायकों ने सदन को गुमराह करना बताते हुए कहा कि आचार संहिता खत्म हुए काफी समय बीत गया, फिर भी बच्चों को पुस्तकें नहीं मिली हैं।

नीलकंठ सिंह मुंडा ने अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से पहली से 12वीं कक्षा के बड़ी संख्या में बच्चों को अभी तक पुस्तकें नहीं मिलने का मामला उठाया था।

इसपर मंत्री ने जवाब दिया कि कक्षा एक से 10 के 46,30,475 विद्यार्थियों में से 45,06,845 बच्चों को पुस्तकें मिली चुकी हैं। इस तरह, इन कक्षाओं के 97 प्रतिशत बच्चों को पुस्तकें मिल चुकी हैं। वहीं, कक्षा नौ से 12वीं के 8,70,451 विद्यार्थियों में से 5,23,270 अर्थात 60 प्रतिशत विद्यार्थियों को पुस्तकें मिल चुकी हैं।

उन्होंने सदन को आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के भीतर शेष सभी बच्चों को पुस्तकें मिल जाएंगी। भाजपा विधायकों ने मुद्रकों द्वारा प्रखंड स्तर तक ही पुस्तकें पहुंचाने पर सवाल उठाते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।

इसपर मंत्री ने जवाब दिया कि मुद्रकों की जवाबदेही प्रखंड स्तर तक ही पहुंंचाने की है। वहां से पुस्तकें स्कूल तक पहुंचाने की जवाबदेही सरकार की है।

बताते चलें कि सरकार कक्षा एक से आठ के विद्यार्थियों को समग्र शिक्षा अभियान तथा नौवीं से 12वीं के विद्यार्थियों को अपने बजट से पुस्तकें उपलब्ध कराती है।

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