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झारखंड: सिर्फ आवेदन से नहीं चलेगा काम, अवकाश स्वीकृत होने के बाद ही छुट्टी पर जा सकेंगे कुलपति

Jharkhand News राजभवन विश्वविद्यालयों में मनमानी एवं स्वेच्छाचारिता पर अंकुश लगाने को लेकर लगातार प्रयास कर रहा है। इस कड़ी में अब झारखंड के विभिन्न सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति अब राजभवन से अवकाश की स्वीकृति मिलने के बाद ही मुख्यालय छोड़ सकेंगे।

By Sanjay KumarEdited By: Updated: Thu, 18 Aug 2022 12:04 PM (IST)
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Jharkhand News: कुलपति को अवकाश के लिए सिर्फ आवेदन से नहीं चलेगा काम, राजभवन से स्वीकृति होगी जरूरी।

रांची, जासं। Jharkhand News राजभवन विश्वविद्यालयों में मनमानी एवं स्वेच्छाचारिता पर अंकुश लगाने को लेकर लगातार प्रयास कर रहा है। इस कड़ी में अब झारखंड के विभिन्न सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति अब राजभवन से अवकाश की स्वीकृति मिलने के बाद ही मुख्यालय छोड़ सकेंगे। जब तक इसे लेकर उनका अवकाश राजभवन से स्वीकृत नहीं हो जाता तबतक वे अवकाश पर नहीं जाएंगे। राज्यपाल रमेश बैस के निर्देश पर उनके विशेष कार्य पदाधिकारी ने इसका हर हाल में अनुपालन करने से संबंधित पत्र सभी विश्वविद्यालयों को भेज दिए हैं।

वर्तमान व्यवस्था के अनुसार विश्वविद्यालय मुख्यालय से बाहर जाने के लिए कुलपतियों को राजभवन को जानकारी देनी पड़ती थी। राजभवन को आवेदन देकर कुलपति अवकाश पर चले जाते थे। लेकिन अब अवकाश स्वीकृत होने के बाद ही वे इसका उपयोग कर सकेंगे। राजभवन ने सभी कुलपतियों को सरकारी सेमिनार एवं अन्य कार्यक्रमों में ही शामिल होने को कहा है।

विशेष परिस्थिति में वे राजभवन की स्वीकृति लेकर ही गैर सरकारी कार्यक्रमों में शामिल हो सकेंगे। राजभवन को कुलपतियों द्वारा बिना अनुमति लिए बाहर जाने की शिकायत लगातार मिल रही थी। इसपर संज्ञान लेते हुए राज्यपाल ने रोक लगाने का आदेश दिया।

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