गंभीर बीमारियों में 5 लाख तक का खर्च उठाएगी सरकार, इन अस्पतालों में होगा इलाज LIST
Jharkhand. गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए निर्धारित मानदंड एसिड अटैक पीडि़तों पर लागू नहीं होंगे। असाध्य रोगों के इलाज के लिए पांच लाख रुपये तक की सहायता राशि दी जाएगी।
By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Thu, 13 Feb 2020 12:01 AM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड कैबिनेट ने मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत 8 लाख रुपये सकल वार्षिक आय वाले परिवारों को पांच लाख रुपये तक चिकित्सा सहायता अनुदान देने का निर्णय लिया है। गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए निर्धारित मानदंड एसिड अटैक पीडि़तों पर लागू नहीं होंगे। एसिड अटैक से पीडि़त लोगों के लिए वार्षिक पारिवारिक आमदनी भी प्रभावी नहीं होगी। एसिड अटैक से पीडि़त किसी भी आय वर्ग के लोग को बीमारी में खर्च पूरी राशि का भुगतान सरकार करेगी। दूसरी ओर सभी प्रकार के कैंसर, किडनी रोग/प्रत्यारोपण, लीवर की बीमारी आदि असाध्य रोगों के इलाज के लिए पांच लाख रुपये तक की सहायता राशि दी जाएगी।
जिलास्तर पर बनी कमेटी लेगी निर्णय असाध्य रोगियों को सहायता राशि प्रदान करने के लिए जिलास्तर पर सिविल सर्जन की अध्यक्षता में एक कमेटी होगी जो सहायता को लेकर निर्णय लेगी। इस कमेटी में विधायक अथवा उनके प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। समिति के पास यह पावर होगा कि वह अधिसूचित अस्पताल से कोटेशन लेकर उन्हें ड्राफ्ट अथवा फंड ट्रांसफर के माध्यम से राशि मुहैया कराए।
प्रदेश से लेकर देश तक के 41 अस्पताल अधिसूचित
- वेदांता मेडीसिटी, गुडग़ांव, हरियाणा
- डाइसन हॉस्पीटल, कोलकाता
- अपोलो ग्लेनग्लस हॉस्पीटल, कोलकाता
- मेडिका सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पीटल, कोलकाता
- क्यूरी अब्दुल रज्जाक अंसारी कैंसर इंस्टीच्यूट, इरबा, रांची
- मेहरबाई टाटा मेमोरियल हॉस्पीटल, जमशेदपुर
- इंदिरा गांधी इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, शेखपुरा, पटना
- झारखंड राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के साथ-साथ दूसरे राज्यों के भी महाविद्यालय अस्पताल
- भारत सरकार के सभी केंद्रीय चिकित्सा संस्थान
- टाटा स्मारक अस्पताल, मुंबई
- संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ
- महावीर कैंसर इंस्टीच्यूट, फुलवारीशरीफ, पटना
- अपोलो भुवनेश्वर एवं अपोलो हैदराबाद
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली
- क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लौर
- पीजीआइ, चंडीगढ़
- भगवान महावीर मेडिका सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पीटल, बूटी मोड़, रांची
- रूबी जेनरल हॉस्पीटल लिमिटेरू, कोलकाता
- पारस हमरी हॉस्पीटल, पटना
- असर्फी हॉस्पीटल लिमिटेड, धनबाद
- आरजेएसपी कैंसर हॉस्पीटल एंड रिसर्च सेंटर, कटहल मोड़, रांची
- राज हॉस्पीटल, मेन रोड, रांची
- 111 सेवा लाइफ हॉस्पीटल, मेन रोड आदित्यपुर, जमशेदपुर
- बसोवताराकम इंडो अमेरिकन कैंसर हॉस्पीटल रिसर्च इंस्टीच्यूट, हैदराबाद
- आर्टेमिस हॉस्पीटल, गुडग़ांव, हरियाणा
- पुष्पावटी सिंघानिया हॉस्पीटल एंड रिसर्च इंस्टीच्यूट, नई दिल्ली
- ग्लेनेगल्स ग्लोबल हेल्थ सिटी हॉस्पीटल, चेन्नई
- इंडियन स्पाइरल इंज्यूरीज सेंटर, नई दिल्ली
- पियरलेस हॉस्पीटेक्स हॉस्पीटल एंड रिसर्च सेंटर लिमिटेड, कोलकाता
- कोलकाता मेडिकल रिसर्च इंस्टीच्यूट, ठाकुरपुकुर, कोलकाता
- मिशन ऑफ मर्सी हॉस्पीटल, कोलकाता
- नारायण सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पीटल, हावड़ा, कोलकाता
- नारायण रविंद्रनाथ टैगोर इंटरनेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ कार्डियक साइंस, कोलकाता।
- बीपी पोद्दार हॉस्पीटल एंड गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी, हैदराबाद
- टाटा मेन हॉस्पीटल, बिष्टुपुर, जमशेदपुर
- मां ललिता सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पीटल एंड ट्रामा सेंटर, देवघर
- मिशन हॉस्पीटल, दुर्गापुर
- फोर्टिस हॉस्पीटल, कोलकाता।
असाध्य रोगियों को पांच लाख रुपये तक की सहायता राशि देने के लिए कैबिनेट से स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार मुख्यमंत्री गरीब बीमारी उपचार योजना के तहत पांच लाख रुपये तक की अनुशंसा सीधे सिविल सर्जन की अध्यक्षता में बनी कमेटी करेगी। यह भुगतान भी उन्हीं के स्तर से होगा। इसके ऊपर की राशि के लिए प्रस्ताव कैबिनेट तक जाएगा।इस योजना के तहत आयुष्मान प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध 1408 बीमारियों को छोड़कर अन्य बीमारियों के लिए कमजोर वर्ग के लोगों को लाभ मिलेगा। कैबिनेट बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रेस को बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी। उनके साथ स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी भी थे। इस योजना का लाभ लेने के लिए कम से कम पिछले तीन वर्षों के दौरान अधिकतम पारिवारिक आय 8 लाख रुपये होने का प्रमाण देना होगा।
इसके लिए अंचलाधिकारी को अधिकृत किया गया है। दूसरी ओर अस्पतालों को शहर के लिए निर्धारित सीजीएचएस दर के आधार पर बिल देना होगा। बिल के एवज में भुगतान स्वीकृति के लिए सिविल सर्जन की अध्यक्षता में गठित दल में सात सदस्य होंगे। इनमें उपायुक्त के द्वारा नामित एक अधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक और संबंधित विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी होंगे।इनके अलावा विधायक अथवा उनके प्रतिनिधि भी कमेटी के सदस्य होंगे। राज्य स्तर पर इस योजना की निगरानी के लिए एक छह सदस्यीय निगरानी समिति होगी। इसमें स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव, वित्त सचिव, कल्याण सचिव, रिम्स निदेशक और स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी अपर सचिव शामिल होंगे।
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