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Ranchi: 'हमारी गौमाता, हमारा दायित्व योजना' की शुरुआत करेगी राज्य सरकार, जानें स्कीम से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

झारखंड की गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं गोवंशीय पशुओं की रक्षा के उद्देश्य से गो सेवा आयोग ने एक वृहद योजना तैयार की है जिसकी शुरुआत आनेवाले दिनों में मुख्यमंत्री के हाथों होगी। इसके तहत गोसेवा से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने की व्यापक कोशिश होगी। लोगों से तीन माह छह माह अथवा एक वर्ष के लिए गोवंशीय पशुओं को गोद लेने का आग्रह किया जाएगा।

By Ashish JhaEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 21 Sep 2023 12:29 AM (IST)
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गोरक्षा के नाम पर किसी को अराजकता फैलाने की अनुमति नहीं। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची: झारखंड की गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं गोवंशीय पशुओं की रक्षा के उद्देश्य से गो सेवा आयोग ने एक वृहद योजना तैयार की है, जिसकी शुरुआत आनेवाले दिनों में मुख्यमंत्री के हाथों होगी।

इसके तहत गोसेवा से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने की व्यापक कोशिश होगी। लोगों से तीन माह, छह माह अथवा एक वर्ष के लिए गोवंशीय पशुओं को गोद लेने का आग्रह किया जाएगा।

योजना का नाम हमारी गौमाता, हमारा दायित्व रखा गया है। इस संदर्भ में बुधवार को गोसेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने जानकारियों साझा की।

इस योजना के माध्यम से सीधे-सीधे आम जनमानस को जोड़ने का लक्ष्य है। इस मद में किए गए दान सीधे-सीधे गौशाला के खाते में जमा किए जाएगें। राज्य स्तरीय कार्यक्रम के रूप में शीघ्र ही इस योजना का शुभारंभ होगा।

गोसेवा आयोग ने CM के प्रति जताया अभार

15 वर्षों के बाद गोसेवा आयोग की बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि राज्य में गोरक्षा के नाम पर अराजकता फैलाने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। 2008 के बाद अब जाकर आयोग को पूर्णकालिक अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष मिले हैं।

उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मंत्री बादल पत्रलेख के प्रति आभार जताया। बैठक में उपाध्यक्ष राजू गिरी, विकास आयुक्त के प्रतिनिधि, वित्त विभाग के प्रतिनिधि, नगर विकास विभाग के प्रतिनिधि और कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के अपर निदेशक सह संयुक्त सचिव अंजनी कुमार उपस्थित रहे।

गोवंशीय पशुओं को भोजन कराने की दर संशोधित होगी

पशु तस्करी के क्रम में मुक्त कराए गए गोवंशीय पशुओं के लिए भोजन मद में अनुदान की वर्तमान सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा।

सभी सदस्यों में इस बात को लेकर सहमति बनी कि वर्तमान में लागू दर 100 रुपये को बढ़ाकर 150 रुपये करने एवं एक वर्ष के कार्यकाल को बढ़ाकर दो वर्ष करने संबधी प्रस्ताव को सरकार के समक्ष भेजने का निर्णय लिया गया।

आत्मनिर्भरता के उद्देश्य से गोबर निर्मित सामान के लिए राज्य स्तर पर गोशालाओं के माध्यम से जिलावार प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन होगा।

यहां निर्मित वर्मी कंपोस्ट को सीधे सरकार के स्तर पर खरीदने का भी प्रस्ताव दिया जाएगा। गौशालाओं में बायो गैस प्लांट लगाने की भी योजना है।

गोवंशीय पशुओं के परिवहन के पूर्व परमिट होगा अनिवार्य

गोवंशीय पशुओं के निर्यात अथवा परिवहन के पूर्व जिला प्रशासन के स्तर से परमिट प्राप्त करना अनिवार्य किया जाएगा। इससे संबंधित प्रस्ताव में कहा गया है कि इसकी पूरी सूचना आयोग के पास उपलब्ध कराना भी सुनिश्चित हो।

बैठक में गोसेवा आयोग के सचिव डॉ. संजय प्रसाद, रजिस्ट्रार डॉ. मुकेश मिश्रा, पशुचिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रभात कुमार पांडेय एवं डॉ. जय कुमार तिवारी तथा अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

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