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एसटी-एससी छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लेगी सरकार, संगठनों सहित विद्यार्थियों ने मुख्‍यमंत्री का जताया आभार

राज्य सरकार ने एसटी-एससी छात्रों पर दो अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान किए गए मुकदमे को वापस लेने का फैसला किया है। आदिवासी छात्र संघ व सभी आदिवासी-मूलवासी संगठनों तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्‍यमंत्री का आभार जताया। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि छात्रों ने झारखंडी आत्मा की लड़ाई लड़ी थी।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Fri, 10 Nov 2023 11:42 AM (IST)
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झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की कल की तस्‍वीर।

राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य सरकार ने एसटी-एससी छात्रों पर दो अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान किए गए मुकदमे को वापस लेने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार के इस निर्णय का आदिवासी छात्र संघ व सभी आदिवासी-मूलवासी संगठनों तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का जोरदार स्वागत किया और आभार जताया।

छात्रों के उत्‍साह को देख सरकार को मिली ताकत: मुख्‍यमंत्री

मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि छात्रों ने झारखंडी आत्मा की लड़ाई लड़ी थी। लाठी-डंडे खाए थे। छात्रों पर मुकदमा भी दर्ज कर दिया गया था। यह दुखद है। इससे उन्हें तकलीफ हुई है। जब उनकी सरकार बनी तो इस तरह के मामलों में पूरी संवेदनशीलता के साथ विचार करते हुए झारखंड के आदिवासी-मूलवासी के हित में लगातार निर्णय ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने छात्रों से कहा कि उनका जोश और उत्साह को देखकर सरकार को भी ताकत मिलती है। राज्य सरकार आदिवासियों-मूलवासियों के साथ पूरी संवेदनशीलता के साथ खड़ी है। यह सरकार झारखंड और झारखंडवासियों के हितों, उम्मीदों, आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर लगातार कई निर्णय ले रही है।

— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) November 9, 2023

प्रतियोगिता परीक्षाओं का आवेदन शुल्क भी जल्द समाप्त करेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के गठन के पूर्व जेपीएससी और जेएसएससी की परीक्षाओं के लिए आवेदन शुल्क काफी ज्यादा होता था, जिसे उनकी सरकार ने कम करने का निर्णय लिया। अब प्रतियोगिता परीक्षाओं के आवेदन शुल्क को पूरी तरह माफ करने पर सरकार जल्द ही निर्णय लेगी।

उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि आप पढ़ाई पर पूरी तरह ध्यान रखें। आपको प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी से लेकर विभिन्न कोर्सेज को करने के लिए सरकार की ओर से आर्थिक मदद की जा रही है। विदेश में भी पढ़ाई के लिए शत प्रतिशत स्कालरशिप सरकार दे रही है।

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कई ऐसे गिरोह, जो कर रहे भ्रमित

मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 40 वर्षों के संघर्ष और आंदोलन के बाद अलग झारखंड राज्य मिला। इस दौरान हजारों लोगों ने अपनी शहादत दी। अलग राज्य बन जाने के 20 वर्षों के बाद भी आदिवासी-मूलवासियों को उनका हक और अधिकार नहीं मिला।

स्वाभिमानी झारखंडियों को हमेशा दिग्भ्रमित करने का प्रयास होता रहा। जब उनकी सरकार बनी तो यहां के आदिवासियों मूलवासियों दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को पूरे मान- सम्मान के साथ उनका हक और अधिकार दे रहे हैं।

राज्य में कई ऐसे गिरोह हैं, जो आदिवासियों-मूलवासियों को भ्रमित कर रहे हैं। सरकार की कार्यशैली को भी प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे गिरोह से हमें सावधान रहना है।

उन्होंने कहा कि यहां काम करने वाले सभी लोगों को आदिवासी- मूलवासी के साथ मिलकर रहना सीखना होगा और उनकी भावनाओं का ख्याल करना होगा।

छोटे मामलों में जेल में बंद आदिवासियों-दलितों को जमानत

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब विद्यार्थी सभी सुविधाओं से युक्त छात्रावास में रहेंगे। कल्याण विभाग के छात्रावासों के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है।

अब छात्र-छात्राओं को घर से अनाज लाने की जरूरत नहीं होगी। सभी छात्रावासों में अनाज सरकार उपलब्ध कराएगी और यहां रसोईया और सिक्योरिटी गार्ड भी होंगे।

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