कुछ दिन तो गुजारिये झारखंड में...अब सैलानियों की सुरक्षा संभालेगी पर्यटन पुलिस; जानें कैसे बदल रहा Jharkhand Tourism
वर्ष 2015-16 में झारखंड में 22 हजार विदेशी पर्यटक आए थे। 2018-19 में यह संख्या 1.76 लाख हो गई। इसी तरह देसी पर्यटकों की संख्या 1.80 करोड़ से बढ़कर 3.54 करोड़ हो गई।
By Alok ShahiEdited By: Updated: Thu, 10 Oct 2019 09:18 AM (IST)
रांची, [प्रदीप सिंह]। झारखंड के मनमोहक पर्यटन स्थलों पर आने वाले सैलानियों की सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता होगी। फिलहाल पर्यटकों की सुरक्षा का जिम्मा पुलिस और स्थानीय पर्यटक मित्रों पर है, लेकिन आने वाले दिनों में पर्यटकों की पूरी तरह देखरेख के लिए पर्यटन स्थलों पर पर्यटन पुलिस की तैनाती होगी। इनका पूरा फोकस सैलानियों की सुविधाओं समेत सुरक्षा का ख्याल रखना होगा ताकि देश-दुनिया में झारखंड की बेहतर होती छवि को और सुदृढ़ किया जा सके। यह प्रयोग अभिनव होगा। जिन राज्यों में पर्यटकों की बहुलता है वहां सैलानियों की सुरक्षा के लिए खास पुलिस दस्ते तैनात रहते हैं। झारखंड में हाल के वर्षों में देसी व विदेशी सैलानियों की आमद तेज से बढ़ी है। इसके कारण पर्यटन पुलिस की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
14 राज्यों में टूरिस्ट पुलिस है प्रतिनियुक्तदेश के 14 राज्यों में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए टूरिस्ट पुलिस गठित है। इसमें अरुणाचल प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, हिमाचल, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, तेलंगाना व ओडिशा हैं। इन राज्यों में 24 घंटे बहुभाषीय हेल्प डेस्क भी कार्यरत हैं। इन प्रदेशों में से अधिकतर की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा पर्यटन पर केंद्रित है।
पांच गुना बढ़े विदेशी पर्यटक, 3.54 करोड़ देसी सैलानी
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- -वर्ष 2015-16 में झारखंड में 22 हजार विदेशी पर्यटक आए थे। 2018-19 में यह संख्या 1.76 लाख हो गई। इसी तरह, देसी पर्यटकों की संख्या 1.80 करोड़ से बढ़कर 3.54 करोड़ हो गई।
- -2014-15 में दस कमरे के महज 349 होटल थे। अब ऐसे 618 होटल हैं। स्टार श्रेणी के होटल चार से बढ़कर 11 हो गए हैं। 2014-15 में पर्यटन क्षेत्र में 31,959 लोगों को रोजगार मिलता था। आज 76,160 लोगों को रोजगार मिल रहा है।
- राज्य सरकार केंद्र के सहयोग से स्वदेश दर्शन योजना के तहत दलमा-चांडिल-गेतलसूद-बेतला- मिरचइया-नेतरहाट इको टूरिज्म सर्किट राज्य सरकार बना रही है। इसके लिए केंद्र ने 52.72 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है।
- - प्रसाद योजना के तहत बैद्यनाथ धाम की गलियों का सौंदर्यीकरण करने की योजना है।
- - नेतरहाट में पहली बार स्टे होम की व्यवस्था की गई है। गेस्ट हाउस भी बनकर तैयार है। यहां पहुंचनेवाले पर्यटकों की भी संख्या काफी बढ़ी है।
- - चतरा के इटखोरी में दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप बनाने की योजना है।
- - बौद्ध सर्किट के रूप में चतरा के ईटखोरी को बोधगया से जोडऩे की तैयारी चल रही है।