Jharkhand Politics: हेमंत सरकार ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र, शिवराज-हिमंत पर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का आरोप
झारखंड सरकार ने चुनाव आयोग (Election Commission) को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान और हिमंत बिस्व सरमा राज्य में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा रहे हैं। सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। चुनाव आयोग ने इस मामले पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
राज्य ब्यूरो, रांची। विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच (Jharkhand Assembly Election 2024) झारखंड सरकार ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि वह भाजपा नेताओं शिवराज सिंह चौहान और हिमंत बिस्व सरमा को झारखंड में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने से रोके। राज्य सरकार के प्रधान सचिव वंदना दादेल की तरफ से चुनाव आयोग को प्रेषित पत्र में आरोप लगाया गया है कि दोनों नेता सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देकर राजनीतिक लाभ प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।
पत्र में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी इसमें हस्तक्षेप का आग्रह किया गया है। आरोप लगाया गया है कि दोनों अधिकारियों को धमकी भी दे रहे हैं। चुनाव आयोग से अनुरोध किया गया है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करे। सरकार ने आरोप लगाया है कि भाजपा राज्य में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है और अधिकारियों को धमकी दी जा रही है।
लोकसभा चुनाव के दौरान अधिकारियों को चुनाव ड्यूटी से हटाने का उदाहरण देते हुए पत्र में उल्लेख किया गया है कि यह अफसरों पर व्यवस्थित और पूर्व नियोजित तरीके से किया गया। इससे अधिकारियों समेत पुलिस अफसरों में डर है। शीर्ष अफसरों को भी धमकी के कारण सिस्टम पर इसका व्यापक असर पड़ सकता है। असम के सीएम लगातार राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ के आरोप लगा रहे हैं। यह एक संवेदनशील मुद्दा है और आंतरिक सुरक्षा एवं अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर इसका प्रभाव पड़ सकता है।
उल्लेख किया गया है कि बांग्लादेश की सीमा असम से सटी है। वहां के सीएम राज्य में इसे उठाकर वैमनस्यता पैदा करना चाहते हैं। पत्र में सवाल उठाया गया है कि क्या एक राज्य का मुख्यमंत्री संघीय व्यवस्था में किसी अन्य राज्य में जाकर फर्जी और गलत आरोप लगा सकता है और वहां के प्रमुख अधिकारियों, पुलिस महानिदेशक समेत अन्य पदाधिकारियों का चरित्र हनन कर सकता है?
सरमा ने कहा, आयोग ले संज्ञान, चुनाव आयोग ने प्रतिक्रिया से किया इन्कार
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने इसपर कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि अगर इस प्रकार का पत्र लिखा गया है तो चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए। वे यहां कोई राजनीति करने नहीं आए हैं। उन्होंंने कहा कि हमने हेमंत सोरेन को राज्य में सुधार लाने को कहा है।
चुनाव आयोग ने इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सरमा ने कहा है कि यदि ऐसा कोई पत्र लिखा गया है, तो चुनाव आयोग इसका संज्ञान ले।