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Jharkhand News: सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारनी है तो अधिकारी जाएं स्कूल... शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने दी नसीहत

Jharkhand News झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के दौरान कहा कि अगर सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारनी है तो शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूलों का दौरा करें। साथ ही कहा कि अभिभावकों में इच्छाशक्ति लाने का प्रयास करें।

By Sanjay KumarEdited By: Tue, 12 Apr 2022 01:56 PM (IST)
Jharkhand News: सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारनी है तो अधिकारी जाएं स्कूल... शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने दी नसीहत
Jharkhand News: शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने स्कूल अधिकारियों को दी नसीहत

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अधिकारियों से कहा है कि वे सिर्फ अपने कार्यालय में बैठकर कार्य नहीं करें। सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारनी है तो वे स्कूलों का दौरा करें। इस दौरान बच्चों का मनोबल बढ़ाएं और अभिभावकों में इच्छाशक्ति लाने का प्रयास करें। मंत्री मंगलवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा बच्चों के शैक्षणिक नुकसान की भरपाई को लेकर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने सवाल उठाया कि सरकारी स्कूलों में बच्चों को पोशाक, भोजन, किताब, कापी से लेकर सभी सुविधाएं मुफ्त दी जाती हैं। इसके बाद भी अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए निजी स्कूल भेजने पर क्यों जोर देते हैं। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक नुकसान की भरपाई के साथ-साथ इसपर भी मंथन करने की जरूरत है।

दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन।

सरकारी स्कूल निजी स्कूलों से कमजोर क्यों, होना चाहिए मंथन

उन्होंने कहा कि इसपर भी मंथन होना चाहिए कि झारखंड के सरकारी स्कूल निजी स्कूलों से कमजोर क्यों रहें। मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि अधिकारी स्कूलों का दौरा नहीं करते, इस कारण भी सरकारी स्कूलों की स्थिति ऐसी हुई है। कहा कि निजी स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चो के अभिभावक अपने बच्चों को पूरी तरह तैयार कर स्कूल भेजते हैं, जबकि सरकारी स्कूलों के बच्चों के अभिभावक ऐसे ही बस्ता देकर स्कूल भेज देते हैं। अधिकारियों और शिक्षकों को अभिभावकों से बात कर उनकी इस सोच में बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए।

35000 स्कूलों में 500 से भी कम स्कूलों में प्रधानाध्यापक

उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित शिक्षा सचिव से ही पूछा कि राज्य के कितने स्कूलों में प्रधानाध्यापक हैं। मंत्री ने कहा कि 35000 स्कूलों में 500 से भी कम स्कूलों में प्रधानाध्यापक हैं। सवाल उठाया कि ऐसे में स्कूलों की व्यवस्था कैसे सुधारी जा सकती है। इससे पहले शिक्षा सचिव राजेश शर्मा ने कहा कि लगभग दो सालों तक स्कूल बंद रहने के कारण बच्चों का काफी शैक्षणिक नुकसान हुआ है। हमारे समक्ष इस नुकसान की भरपाई सबसे बड़ी चुनौती है।

92 प्रतिशत बच्चों में हुआ है शैक्षणिक नुकसान

वहीं, झारखंड शिक्षा परियोजना की निदेशक किरण कुमारी पासी ने कहा कि एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि 92 प्रतिशत बच्चों में किसी न किसी प्रकार का शैक्षणिक नुकसान हुआ है। 72 प्रतिशत बालिकाओं को घरों में काम-काज के कारण पढ़ाई करने का मौका नहीं मिला।