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Jharkhand Budget: झारखंड का GSDP 2030 तक 4 से 10 लाख करोड़ करने का लक्ष्य, हेमंत सोरेन की सरकार ने कस ली कमर

Jharkhand Budget 2024 झारखंड में बजट पूर्व संगोष्ठी को लेकर लगातार दूसरे वर्ष का आयोजित प्री-बजट संगोष्ठी का फोकस 2030 तक बजट के आकार पर केंद्रित रहा। राज्य सरकार जीएसडीपी को अगले छह सालों में 10 लाख करोड़ तक पहुंचाना चाहती है जो फिलहाल चार लाख करोड़ के करीब है। यही कारण है कि संगोष्ठी को विजन 2030 कहा जा रहा है।

By Ashish Jha Edited By: Shashank ShekharUpdated: Wed, 10 Jan 2024 08:50 PM (IST)
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Jharkhand Budget: झारखंड का GSDP 2030 तक 4 से 10 लाख करोड़ करने का लक्ष्य
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में बजट पूर्व संगोष्ठी को लेकर लगातार दूसरे वर्ष का आयोजित प्री-बजट संगोष्ठी का फोकस 2030 तक बजट के आकार पर केंद्रित रहा। राज्य सरकार जीएसडीपी को अगले छह सालों में 10 लाख करोड़ तक पहुंचाना चाहती है, जो फिलहाल चार लाख करोड़ के करीब है। यही कारण है कि संगोष्ठी को विजन 2030 कहा जा रहा है।

इस दौरान चर्चा का विषय रहा कि बजट आकार बढ़ाने के लिए सरकार को कैसे-कैसे प्रयास करने होंगे। संगोष्ठी में कृषि और आधारभूत संरचनाओं के क्षेत्र के विशेषज्ञ मौजूद रहे तो संबंधित विभागों के सचिव ने भी अपने सुझाव साझा किए।

बजट को रोजगार से भी जोड़ने पर हुई चर्चा 

पूरे कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख और वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह भी मौजूद रहे। अजय कुमार सिंह ने बजट में निजी क्षेत्र के निवेशकों को भी समाहित करने को लेकर सुझाव मांगे तो बजट को रोजगार से भी जोड़ने की बात की।

पहले दिन सरकार के आर्थिक सलाहकार प्रोफेसर डा. हरीश्वर दयाल ने पीपीटी के माध्यम से झारखंड में विकास की संभावनाओं और इसके लिए हो रहे प्रयासों को समाहित करते हुए रिपोर्ट दी। इसके बाद कृषि, खान एवं भूतत्व विभाग, पर्यटन विभाग तथा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे।

पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिए जाने का अनुरोध

कृषि विभाग की ओर से मौजूद पदाधिकारियों ने अपनी ओर से सवाल भी पूछे और विशेषज्ञों ने इस पर स्पष्टीकरण भी दिया। कार्यक्रम के दौरान दूसरी पाली में ऊर्जा, नगर विकास, पथ निर्माण, परिवहन एवं उद्योग विभाग के विशेषज्ञों ने विचार व्यक्त किए।

इस दौरान आईएचएम रांची के प्राचार्य, भूपेश कुमार ने पर्यटन विशेषज्ञ के तौर पर प्रदेश में पर्यटन के विकास के लिए अहम सुझाव दिए। कहा कि जैसे कि टेंपल टूरिज्म के लिए बजट में विशेष प्रावधान, नए स्टार होटल खोलने के लिए सब्सिडी, पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पर्यटन वालंटियर पुलिस और झारखंडी व्यंजनों को सभी सरकारी बैठकों में शामिल करने की बात कही। उन्होंने पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिए जाने के लिए भी अनुरोध किया।

पूर्व की व्यवस्था में पहले छोटा बाबू, फिर बड़ा बाबू, इसके बाद अंडर सेक्रेटरी-डिप्टी सेक्रेटरी-ज्वाइंट सेक्रेटरी-स्पेशल सेक्रेटरी और अंत में सेक्रेटरी मिलकर आम लोगों का बजट तैयार करते थे। दूसरे वर्गों की भागीदारी कम थी। हम लोगों ने इसमें विभिन्न वर्गों और क्षेत्रों की भागीदारी बढ़ाई है।- रामेश्वर उरांव, वित्त मंत्री, झारखंड।

झारखंड सरकार मिशन मोड में भविष्य के लिए योजनाओं के आधार पर बजट तैयार कर रही है। हम लोग बजट को सिर्फ एक साल के लिए नहीं, बल्कि दशक की उम्मीदों को लक्ष्य करके काम कर रहे हैं। मिशन 2030 की शुरुआत कर दी गई है और इसके लिए पहले दिन संगोष्ठी में कृषि क्षेत्र, खनन एवं आधारभूत संरचनाओं को बढ़ाने पर हुई चर्चा।- अजय कुमार सिंह, प्रधान सचिव, वित्त विभाग।

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