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कनहर बराज प्रोजेक्ट पर राज्‍य सरकार का जवाब सुन झारखंड HC नाराज, कहा - लगता है आप इसे आगे बढ़ाना नहीं चाहते

Kanhar Barrage Project Case झारखंड हाईकोर्ट में पलामू और गढ़वा में सिंचाई के लिए प्रस्तावित कनहर बराज प्रोजेक्‍ट को पूरा करने की मांग को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस आर मुखोपाध्याय व जस्टिस पीके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने इसपर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान राज्‍य सरकार द्वारा इसे पूरा करने के लिए 8 साल का और समय मांगा तो बेंच नाराज हो गई।

By Manoj Singh Edited By: Prateek Jain Updated: Wed, 24 Jul 2024 11:47 PM (IST)
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झारखंड हाईकोर्ट में कनहर बराज प्रोजेक्‍ट को लेकर दायर पीआईएल पर सुनवाई हुई।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय व जस्टिस पीके श्रीवास्तव की खंडपीठ में पलामू और गढ़वा में सिंचाई के लिए प्रस्तावित कनहर बराज परियोजना को पूरा करने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान प्रोजेक्ट पूरा करने लिए सरकार की ओर से आठ साल का समय मांगा गया। इसपर अदालत ने नाराजगी जताते हुए मौखिक रूप से कहा कि प्रतीत होता है कि राज्य सरकार कनहर बराज प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना ही नहीं चाहती है।

अगर ऐसा है तो राज्य सरकार को इस प्रोजेक्ट को बंद कर देना चाहिए। अदालत ने सरकार एक उचित समय अवधि बताने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई आठ अगस्त को निर्धारित की है।

2010 में मांगा गया था 5 साल का समय

कोर्ट ने कहा कि वर्ष 2010 में भी राज्य सरकार की ओर से इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पांच साल की समय की मांग की गई थी। अब वर्ष 2024 में भी आठ साल का समय मांगा जा रहा है, ऐसा क्यों है। क्या वर्ष 2010 में दूसरी सरकार थी और अब कोई दूसरी सरकार है जो इस प्रोजेक्ट पर ध्यान नहीं दे रही है।

कोर्ट को सरकार की ओर से बताया गया कि कनहर बराज के लिए जमीन अधिग्रहण, वन भूमि का क्लीयरेंस, इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि लेने आदि में कई वर्ष लग जाएगा। कोर्ट ने कहा कि यह प्रोजेक्ट गढ़वा एवं पलामू जिले के लोगों को पानी मुहैया कराने के लिए है। यहां हर साल सुखाड़ जैसी स्थिति रहती है।

सरकार को प्राथमिकता देते हुए ऐसे इलाकों में सिंचाई एवं पीने का पानी की व्यवस्था की जानी चाहिए थी। सरकार की ओर से अधिवक्ता गौरव राज ने अदालत को बताया कि पलामू और गढ़वा में 65 फीसदी घरों में नल से पानी पहुंचा दिया गया है।

कोर्ट ने मुख्‍य सचिव से टाइम फ्रेम प्रस्तुत करने को कहा था

इस पर अदालत ने कहा कि घरों में पानी कहां से पहुंचाया जाता है, इसकी भी जानकारी कोर्ट में प्रस्तुत करें। पिछले सुनवाई में मामले में कोर्ट के आदेश पर मुख्य सचिव, जल संसाधन सचिव, वन सचिव और वित्त सचिव हाजिर हुए थे।

कोर्ट ने उनसे मौखिक कहा था कि वर्ष 2020 में राज्य सरकार ने पांच साल में इस परियोजना को पूरी होने का टाइमलाइन दिया था, लेकिन काम आगे नहीं बढ़ा है।

कोर्ट ने मुख्य सचिव को कनहर बराज परियोजना पूरा करने को लेकर टाइम फ्रेम प्रस्तुत करने को कहा था। बता दें कि गढ़वा, पलामू के लोगों को पानी उपलब्ध करने के लिए कनहर बराज पूरा करने को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है।

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