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झारखंड HC ने इंस्पेक्टर पद को मूल कोटि का मानने वाले आदेश को किया निरस्त, राज्‍य सरकार ने 2022 में लिया था निर्णय

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस गौतम कुमार चौधरी अदालत ने पुलिस इंस्पेक्टर के पद को मूल कोटि (सीधी भर्ती) का मानने वाले राज्य सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया है। राज्य सरकार ने 10 नवंबर 2022 को पुलिस इंस्पेक्टर के पद को मूल कोटि माना था। जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

By Manoj Singh Edited By: Prateek Jain Updated: Wed, 13 Mar 2024 06:55 AM (IST)
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झारखंड HC ने इंस्पेक्टर पद को मूल कोटि मानने के आदेश को किया निरस्त। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस गौतम कुमार चौधरी अदालत ने पुलिस इंस्पेक्टर के पद को मूल कोटि (सीधी भर्ती) का मानने वाले राज्य सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया है। राज्य सरकार ने 10 नवंबर 2022 को पुलिस इंस्पेक्टर के पद को मूल कोटि माना था।

इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट याचिका दाखिल की गई थी। 12 फरवरी को बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सरकार का पुलिस इंस्पेक्टर के पद को मूल कोटि माने के माने जाने का आदेश का निरस्त किया जाता है। यह मूल कोटि नहीं, बल्कि प्रोन्नति का पद है।

ये है पूरा मामला

कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस इंस्पेक्टर पद से डीएसपी पद के अनारक्षित कोटे में प्रोन्नति देने के दौरान सब इंस्पेक्टर पद की वरीयता मानी जाएगी। इस संबंध में रविकांत प्रसाद सहित अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता मनोज टंडन ने पक्ष रखते हुए कहा था कि प्रार्थी रविकांत प्रसाद सामान्य कोटि से आते हैं और सब इंस्पेक्टर से प्रोन्नति होकर पुलिस इंस्पेक्टर बने थे। वह सब इंस्पेक्टर पद पर वरीय थे।

एससी-एसटी श्रेणी के वैसे सब इंस्पेक्टर जो उनसे कनीय थे, उन्हें उनसे पहले पुलिस इंस्पेक्टर पद पर प्रोन्नति मिल गई। इस बीच सरकार ने इंस्पेक्टर पद को मूल कोटि का मान लिया। ऐसे में सामान्य कोटि वाले उनसे कनीय हो गए।

अधिवक्ता मनोज टंडन ने कहा कि इंस्पेक्टर का पद प्रोन्नति का पद है। इसे मूल कोटि का पद नहीं माना जा सकता है, क्योंकि इस पर सीधी भर्ती नहीं होती है।

ऐसे में जब डीएसपी पद पर प्रोन्नति होगी तो उन्हें कनीय ही माना जाएगा। इसलिए इंस्पेक्टर पद को मूल कोटि मनाना गलत है। इसलिए सरकार के उक्त आदेश को निरस्त किया जाए। अदालत ने सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया।

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