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Durga Puja 2024: दुर्गापूजा पंडालों के पास अतिरिक्त महिला पुलिस बल की हो तैनाती, हाई कोर्ट का सख्त निर्देश

Durga Puja 2024 झारखंड हाई कोर्ट ने दुर्गापूजा के दौरान सभी पंडालों के पास अतिरिक्त महिला पुलिस बल की तैनाती और महिलाओं की सुविधा के लिए पिंक बसें चलाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने महिलाओं और स्कूली छात्राओं के खिलाफ अपराध पर रोकथाम को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी।

By Manoj Singh Edited By: Yogesh Sahu Updated: Fri, 04 Oct 2024 02:40 PM (IST)
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दुर्गा पूजा में अतिरिक्त महिला पुलिस बल तैनात करने का हाई कोर्ट का निर्देश
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने दुर्गापूजा के दौरान सभी पंडालों के पास अतिरिक्त महिला सुरक्षाबल की तैनाती करने का निर्देश सरकार को दिया है। इसके साथ ही खंडपीठ ने महिलाओं की सुविधा के लिए पिंक बसें भी चलाने को कहा है।

अदालत ने इसको लेकर स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक में हुए निर्णयों के पालन की स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। ख्य सचिव की अध्यक्षता में बीते 28 सितंबर को इसकी बैठक हुई है। इसमें स्कूली बच्चों ले जाने वाहनों में महिला कर्मी के उपस्थित होने सहित अन्य निर्णय लिए गए हैं।

सरकार की ओर से एसओपी कोर्ट में दाखिल नहीं किया जा सका। खंडपीठ ने कहा कि जिन निर्णयों को तत्काल लागू किया जा सकता है, उन्हें जल्द लागू किया जाए। गुरुवार को चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में महिला और स्कूली छात्राओं सहित नाबालिग लड़कियों के खिलाफ अपराध पर रोकथाम को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए।

इस मामले में अब अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि पूजा के दौरान पिंक बसों का संचालन किया जाए। जहां पिंक बसें चल रही हैं, वहां उसके समय में विस्तार किया जाए। पीठ ने सरकार को प्रमुख जगहों पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखने का निर्देश दिया।

महिलाओं की आपातकाल में मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर स्थानीय टीवी चैनल और अखबारों में विज्ञापन के जरिये प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया गया। पीठ ने सभी स्ट्रीट लाइट दुरुस्त करने को भी कहा है। इस संबंध में अधिवक्ता भारती कौशल ने जनहित याचिका दाखिल की है।

याचिका में कहा गया है कि जनवरी से लेकर जून तक महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार, दुष्कर्म और छेड़खानी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इस अवधि में 185 मामले दर्ज किए गए हैं। याचिका में यह भी कहा गया है कि स्कूलों में वैन भी चलते हैं।

स्कूल प्रबंधन वैन के चालक का सत्यापन नहीं कराते। चालक तीन-चार साल की बच्ची के साथ गलत हरकत करता है। पूर्व में अदालत ने कहा था कि स्कूली वाहनों में महिला कर्मियों की तैनाती की जाय, जो बच्चियों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचा सकें।

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