Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने बांग्लादेशी घुसपैठ पर सुनवाई पूरी की, अपने फैसले को रखा सुरक्षित
झारखंड हाईकोर्ट ने संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा कि केंद्र ने अपने शपथ पत्र में झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों का कोई आंकड़ा प्रस्तुत नहीं किया। वहीं केंद्र का कहना है कि संथाल परगना में आदिवासियों की संख्या में कमी आई है। हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के एक्टिंग चीफ जस्टिस एसएन प्रसाद और जस्टिस एके राय की खंडपीठ में राज्य के संताल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठ पर रोकथाम लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
राज्य सरकार की तरफ से क्या कहा गया
इस मामले में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया का केंद्र सरकार ने अपने शपथ पत्र में झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों का कोई आंकड़ा प्रस्तुत नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट में भी इस तरह का एक मामला लंबित है।
उन्होंने कहा कि राज्य में कुछ महीने में विधानसभा का चुनाव होने वाला है। ऐसे में इस याचिका को राजनीतिक एजेंडा के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। भाजपा इसको मुद्दा बना रही है। इसलिए यह याचिका राजनीति से प्रेरित है।
कोर्ट ने क्या कहा
इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि अगर इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बन जाती है तो क्या दिक्कत है। केंद्र सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र ने अंतिम जनगणना के आधार पर जो डाटा पेश किया है, उससे साफ है कि संथाल परगना में आदिवासियों की संख्या में कमी आई है।
केंद्र ने शपथ पत्र में क्या बताया?
केंद्र सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर बताया गया कि 30 सितंबर तक केंद्र सरकार के गृह सचिव एवं झारखंड के मुख्य सचिव की बैठक प्रस्तावित है। इसमें झारखंड में घुसपैठियों से निपटने के लिए संयुक्त रूप से फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनने पर विचार होगा।
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का उद्देश्य झारखंड के सीमावर्ती जिलों देवघर, गोड्डा, साहेबगंज, पाकुड़, दुमका और जामताड़ा में अवैध घुसपैठियों की पहचान करना और अवैध प्रवासियों को वापस भेजने की व्यवस्था करना होगा।
दानियल दानिश ने दाखिल की है याचिका
बता दें कि इस संबंध में दानियल दानिश ने जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा है कि संताल में आदिवासियों की आबादी 42 फीसदी से घटकर 28 फीसदी हो गई है।
बांग्लादेशी घुसपैठिए स्थानीय आदिवासियों महिलाओं के साथ शादी करते हुए जमीन पर कब्जा कर ले रहे हैं। हाल के कुछ वर्षों में इन इलाकों में बड़े पैमाने पर मदरसों का निर्माण किया गया है।
पाकुड़ एवं साहिबगंज में वर्ष 2011 तक मुस्लिम समुदाय की आबादी करीब 35 फीसदी बढ़ गई है। पूरे संताल परगना में मुस्लिम समुदाय की आबादी वर्ष 2011 तक 13 फीसदी बढ़ गई थी।