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मेडिकल कालेजों की नियुक्ति में सरकारी डाक्टरों को पहले मिलेगा मौका

Jharkhand Health News राज्य सरकार(State Government) मेडिकल कालेजों(Medical College) में असिस्टेंट प्रोफेसर व अन्य शैक्षणिक पदों तथा सरकारी अस्पतालों(Government Hospitals) में डाक्टरों के रिक्त पदों(Vacancies Of Doctors) को भरने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए नियुक्ति नियमावलियों में भी बदलाव किया जा रहा है।

By Sanjay KumarEdited By: Updated: Sat, 11 Dec 2021 01:12 PM (IST)
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मेडिकल कालेजों की नियुक्ति में सरकारी डाक्टरों को पहले मिलेगा मौका

रांची (राज्य ब्यूरो)। Jharkhand Health News: राज्य सरकार(State Government) मेडिकल कालेजों(Medical College) में असिस्टेंट प्रोफेसर व अन्य शैक्षणिक पदों तथा सरकारी अस्पतालों(Government Hospitals) में डाक्टरों के रिक्त पदों(Vacancies Of Doctors) को भरने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए नियुक्ति नियमावलियों में भी बदलाव किया जा रहा है। इस बदलाव के क्रम में अब मेडिकल कालेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर(Assistant Professor) के पद पर होनेवाली नियुक्ति में सबसे पहले सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों(Health Centers) में कार्यरत डाक्टरों (चिकित्सा पदाधिकारियों) को मौका देने का निर्णय लिया गया है।

इनकी नियुक्ति के बाद रिक्त रहनेवाले पदों पर ही अन्य डाक्टरों की नियुक्ति होगी। सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में सेवा देने के लिए डाक्टर आगे आएं, इस उद्देश्य से यह लागू किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में संकल्प जारी कर दिया है।

चिकित्सा शिक्षा सेवा नियमावली में संशोधन करते हुए जोड़ा गया है नया प्रविधान:

इसके तहत झारखंड चिकित्सा शिक्षा सेवा नियमावली में संशोधन करते हुए नया प्रविधान जोड़ा गया है। इसमें कहा गया है कि मेडिकल कालेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के विभागवार रिक्त पदों के विरुद्ध प्रत्येक कैलेंडर वर्ष के आरंभ में सबसे पहले झारखंड स्वास्थ्य सेवा में कार्यरत चिकित्सा पदाधिकारियों की नियुक्ति होगी। यह नियुक्ति झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा ही की जाएगी। इसके बाद रिक्त रह जाने वाले पदों पर आयोग नियुक्ति नियमावली के आलोक में पूर्व की तरह नियुक्ति करेगा। इसमें अन्य डाक्टरों को भी नियुक्ति का मौका मिलेगा। पूर्व में भी जेपीएससी द्वारा ही इन पदों पर नियुक्ति होती थी। तब नियुक्ति में आवश्यक योग्यता रखनेवाले सभी सरकारी व गैर सरकारी डाक्टरों को साक्षात्कार में शामिल होने का मौका मिलता था।

सरकारी डाक्टरों के लिए ट्विटर या रेजिडेंट के अनुभव की अनिवार्यता भी खत्म:

अब मेडिकल कालेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर होनेवाली नियुक्ति में सरकारी डाक्टरों के लिए ट््यूटर, रेजिडेंट या वरीय रेजिडेंट के रूप में तीन साल के अनुभव की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया है। अब झारखंड स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के चिकित्सा पदाधिकारी जिनके पास स्नातकोत्तर उपाधि हो तथा नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा निर्धारित अन्य योग्यता रखते हों, वह मेडिकल कालेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त हो सकेंगे।

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