Jharkhand: देवघर में शिव बरात के रूट को लेकर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, जिला प्रशासन निर्धारित करेगा मार्ग
झारखंड हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में देवघर में निषेधाज्ञा लागू करने और शिव बारात के मार्ग में परिवर्तन की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने जिला प्रशासन के निर्धारित मार्ग में बदलाव करने से इनकार कर दिया।
By Manoj SinghEdited By: Prateek JainUpdated: Sat, 18 Feb 2023 12:00 AM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो: झारखंड हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में देवघर में निषेधाज्ञा लागू करने और शिव बारात के मार्ग में परिवर्तन की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई।
अदालत ने जिला प्रशासन के निर्धारित मार्ग में बदलाव करने से इनकार कर दिया है। अब शिव बारात जिला प्रशासन के निर्धारित मार्ग से ही निकलेगी। हालांकि, अदालत ने देवघर में निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू करने के लिए सदर अनुमंडलाधिकारी के आदेश को शिथिल कर दिया है।
शिव बरात के आस-पास के इलाकों में लागू रहेगी धारा 144
अदालत ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया। सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा कि पूरे देवघर में धारा 144 लागू नहीं रहेगी, जिन मार्गों से शिव बरात निकलेगी उसके आस-पास के इलाके में ही धारा 144 लागू रहेगी।इस पर अदालत ने जिला प्रशासन को धारा 144 पूरे शहर में लागू नहीं रहने की जानकारी आम लोगों को देने का निर्देश दिया। इसके लिए प्रिंट, इलेक्ट्रानिक मीडिया और लाउडस्पीकर से घोषणा करने का निर्देश दिया, ताकि आम लोगों को इसकी जानकारी हो सके।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने देवघर के डीसी से वीडियो कांफ्रेंसिंग से बात भी की। डीसी ने सुरक्षा कारणों से धारा 144 लागू करने और मार्ग तय करने की जानकारी दी। इस दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत में एक सीलबंद रिपोर्ट पेश की।
खुफिया सूचना के बाद बरात का मार्ग हुआ है तय
हालांकि, अदालत ने लिफाफे को नहीं खोला। महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि खुफिया सूचना के बाद बारात का मार्ग जिला प्रशासन ने निर्धारित किया है। जिला प्रशासन की ओर से पहली बार मार्ग का निर्धारण नहीं किया गया है।
इसके पहले भी जिला प्रशासन की ओर से मार्ग तय किया गया है और शिव बारात निकली है। कानून व्यवस्था प्रभावित नहीं हो इसको देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से सभी तैयारी की गई है। दूसरा मार्ग निर्धारित करने पर कानून व्यवस्था को चुनौती हो सकती है।
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