परमानेंट नौकरी दीजिए, ठेका पर बहाली नहीं चलेगा : हाई कोर्ट
Jharkhand High Court. राज्य में नई नौकरियों के स्वीकृत पदों पर संविदा पर हो रही बहाली को लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार पर कड़ी नाराजगी जताई है।
By Alok ShahiEdited By: Updated: Sun, 03 Feb 2019 03:01 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट ने सरकारी विभागों में स्वीकृत पदों पर संविदा के आधार पर नियुक्ति को लेकर नाराजगी जताई है। जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी झारखंड में संविदा के आधार पर विभागों में नियुक्ति करने की परंपरा जारी है। अदालत ने इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव से विस्तृत जानकारी मांगी है। मामले में अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।
विभागवार मांगी जानकारी
हाई कोर्ट ने संविदा पर नौकरी दिए के मामले में मुख्य सचिव से विभागवार छह सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने सूची के रूप में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। जिसमें विभाग का नाम, उसमें कितने पद स्वीकृत हैं। तृतीय व चतुर्थ वर्ग के लिए कितने स्थाई पद हैं। स्वीकृत पदों पर कितने लोग कार्य कर रहे है। राज्य में स्वीकृत स्थाई पदों पर कितने लोगों को दैनिक मजदूरी या संविदा पर नियुक्त किया गया है। अदालत ने जिलास्तर की भी जानकारी मांगी है।दरअसल पिछले दिनों एक मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में दस साल से संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को नियमितीकरण पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था। इस दौरान अपने आदेश में कहा था कि राज्य में संविदा के आधार पर नियुक्ति नहीं होनी चाहिए। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। साथ ही इस तरह की किसी नियुक्ति पर रोक लगाई थी।
हाई कोर्ट ने संविदा पर नौकरी दिए के मामले में मुख्य सचिव से विभागवार छह सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने सूची के रूप में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। जिसमें विभाग का नाम, उसमें कितने पद स्वीकृत हैं। तृतीय व चतुर्थ वर्ग के लिए कितने स्थाई पद हैं। स्वीकृत पदों पर कितने लोग कार्य कर रहे है। राज्य में स्वीकृत स्थाई पदों पर कितने लोगों को दैनिक मजदूरी या संविदा पर नियुक्त किया गया है। अदालत ने जिलास्तर की भी जानकारी मांगी है।दरअसल पिछले दिनों एक मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में दस साल से संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को नियमितीकरण पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था। इस दौरान अपने आदेश में कहा था कि राज्य में संविदा के आधार पर नियुक्ति नहीं होनी चाहिए। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। साथ ही इस तरह की किसी नियुक्ति पर रोक लगाई थी।
बता दें कि हाई कोर्ट ने नितिन कुमार भगत ने इस संबंध में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि वह अनुबंध पर काम कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में दस साल से काम करने वाले अनुबंधकर्मियों की सेवा नियमित करने का आदेश दिया है, लेकिन सरकार इसका पालन नहीं कर रही है। इस तरह की याचिका नियमित रूप से दाखिल हो रही है।
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