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Jharkhand: सहायक शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, पारा शिक्षकों को आरक्षण देने पर मांगा जवाब

झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से सहायक आचार्य के 26001 पदों पर होनेवाली नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा तथा जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मंगलवार को सुनवाई के बाद इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगाने का आदेश दिया।

By Neeraj AmbasthaEdited By: Mohit TripathiUpdated: Wed, 06 Sep 2023 12:30 AM (IST)
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झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और जेएसएससी से मांगा जवाब। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Assistant Teacher Appointment झारखंड उच्च न्यायालय ने JSSC के माध्यम से सहायक आचार्य के 26,001 पदों पर होनेवाली नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।

अदालत ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से इन पदों पर नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन पर रोक लगाते हुए आयोग, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।

हाईकोर्ट ने क्यों लगाई रोक

अदालत ने सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली में सिर्फ पारा शिक्षकों को 50 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रविधान को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह रोक लगाई है।

आयोग ने 19 जुलाई को इन पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 15 अगस्त से शुरू हुई थी, जिसकी अंतिम तिथि 15 सितंबर निर्धारित की गई थी। बता दें कि इस संबंध में बीआरपी बहादुर महतो एवं अन्य ने याचिका दाखिल की है।

याचिकाकर्ता ने क्या दी दलील

सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अदालत को बताया गया कि सहायक आचार्य नियुक्ति के लिए इस वर्ष गठित संशोधित नियमावली में संविदा पर कार्यरत बीआरपी और सीआरपी को आरक्षण के लाभ से वंचित कर दिया गया है। जबकि वर्ष 2022 में गठित नियमावली में 50 प्रतिशत आरक्षण में पारा शिक्षकों के साथ-साथ झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद में कार्यरत अन्य संविदा कर्मियों को भी सम्मिलित किया गया था।

इस वर्ष गठित नियुक्ति नियमावली में सिर्फ पारा शिक्षकों को ही सहायक आचार्य की नियुक्ति में 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान किया गया है, जबकि अनुबंध पर कार्यरत अन्य शिक्षाकर्मियों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए।

इस आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने तथा अन्य संविदा कर्मियों को भी आरक्षण का लाभ देने की मांग की गई। सुनवाई के बाद अदालत ने सहायक आचार्य की नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन पर रोक लगाते हुए सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

न्यूनतम दो साल सेवा देनेवाले पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित किए गए हैं पद

सहायक आचार्य के कुल पदों में 50 प्रतिशत पद पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित किए गए हैं। इन आरक्षित पदों पर उन पारा शिक्षकों की नियुक्ति होनी है जिनकी सेवा विज्ञापन प्रकाशन की तिथि को न्यूनतम एवं लगातार दो वर्ष की हो गई हो एवं विज्ञापन प्रकाशन की तिथि को कार्यरत हों। शेष 50 प्रतिशत पदों पर सीधी नियुक्ति होनी है।

पारा एवं गैर पारा दोनों श्रेणी के अभ्यर्थियों को उक्त परीक्षा में भाग लेना होगा। बता दें कि पहली बार प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के नए कैडर के रूप में सहायक आचार्य के 50 हजार पद सृजित किए गए हैं। इनमें पहले चरण में 26,001 पदों पर नियुक्ति हो रही है।

पूर्व में भी शिक्षकों की नियुक्ति में पारा शिक्षकों को ही मिला है आरक्षण

राज्य के प्राथमिक स्कूलों में इससे पूर्व हुई शिक्षकों की नियुक्ति में भी पारा शिक्षकों को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। उस समय भी सिर्फ पारा शिक्षकों को इसका लाभ मिला था।

विज्ञापन जारी होने के बाद हो चुके हैं दो संशोधन

सहायक आचार्य नियुक्ति में विज्ञापन जारी होने के बाद दो संशोधन हो चुके हैं। सबसे पहले संशोधन 21 जुलाई को हुआ, जिसमें अधिकतम आयु सीमा का कट ऑफ डेट एक अगस्त 2019 की जगह एक अगस्त 2016 किया गया।

इसके बाद चार अगस्त को संशोधन हुआ जिसमें संस्कृत, उर्दू, उड़िया तथा बांग्ला को भी भाषा विषय की सूची में सम्मिलित किया गया। साथ ही साथ परीक्षा नाम में भी संशोधन कर झारखंड प्रारंभिक विद्यालय प्रशिक्षित सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2023 किया गया।

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