झारखंड: हाईकोर्ट ने नहीं दिया था CM हेमंत के खिलाफ केस का आदेश, शिकायतकर्ता ने FIR में अपनी तरफ से जोड़ा नाम
Sahibganj Illegal Mining Case मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित 20 के खिलाफ साहिबगंज के मुफ्फसिल थाने में अवैध खनन मामले में की गई लिखित शिकायत में नए तथ्य सामने आए हैं। हाईकोर्ट में दाखिल याचिका और हाईकोर्ट के आदेश में कहीं भी मुख्यमंत्री का नाम नहीं था। इसके बावजूद शिकायतकर्ता ने ऑनलाइन एफआईआर के लिए किए गए आवेदन में उनका नाम जोड़ा है।
By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Wed, 06 Sep 2023 11:57 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची। Sahibganj Illegal Mining Case मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित 20 के खिलाफ साहिबगंज के मुफ्फसिल थाने में अवैध खनन मामले में की गई लिखित शिकायत में नए तथ्य सामने आए हैं।
हाईकोर्ट में दाखिल याचिका और हाईकोर्ट के आदेश में कहीं भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम नहीं था। इसके बावजूद शिकायतकर्ता अनुरंजन अशोक और तीर्थ नाथ आकाश ने ऑनलाइन एफआईआर के लिए किए गए आवेदन में उनका नाम जोड़ा दिया है।
क्या थी याचिकाकर्ता की मांग
हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में शिकायतकर्ता ने राज्य सरकार, मुख्य सचिव, गृह सचिव, एसपी साहिबगंज, खान सचिव, खान निदेशक, डीएमओ साहिबगंज, सीबीआई निदेशक, आयकर निदेशक, पंकज मिश्रा व दाहू यादव को पार्टी बनाया था। उसकी मांग थी कि पंकज मिश्रा और दाहू यादव ने मिलकर करोड़ों का खनन घोटाला किया है। पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराई जाय।क्या था झारखंड हाईकोर्ट का आदेश
यह याचिका 2021 में दाखिल की गई थी। इसपर हाईकोर्ट ने 27 अप्रैल को आदेश देते हुए याचिका निष्पादित कर दी थी।शिकायतकर्ता ने पंकज मिश्रा और राहुल यादव की अवैध खनन मामले में संलिप्तता मामले में सीबीआई जांच की मांग तो की, लेकिन भारतीय दंड विधान के तहत किसी भी थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई थी।
हाईकोर्ट ने इस आदेश के साथ याचिका निष्पादित की थी कि शिकायतकर्ता पहले इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराए। अगर वहां के थानेदार को लगे कि मामला जांच के योग्य है, तो आगे की कार्रवाई करे।
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