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JSSC CGL परीक्षा पेपर लीक मामला; झारखंड हाई कोर्ट ने खारिज की CBI जांच की मांग वाली याचिका

झारखंड हाई कोर्ट ने जेएसएससी (सीजीएल) परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता का इस परीक्षा से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है और ऐसा प्रतीत होता है कि याचिका किसी अन्य मकसद से दाखिल की गई है। हाई कोर्ट में इससे जुड़ी प्रकाश कुमार की याचिका पर सुनवाई अभी लंबित हैं।

By Manoj Singh Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 12 Nov 2024 07:44 PM (IST)
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जेएसएससी सीजीएल परीक्षा की जांच की मांग वाली याचिका खारिज
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट में जेएसएससी (सीजीएल) परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने की सीबीआई जांच को लेकर दाखिल याचिका मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि याचिका के प्रार्थी अधिवक्ता हैं। इस परीक्षा से उनका कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि याचिका किसी दूसरे मकसद से दाखिल की गई है।

हाई कोर्ट में इससे जुड़ी प्रकाश कुमार की याचिका पर सुनवाई अभी लंबित हैं। ऐसे में इस याचिका पर सुनवाई करने का कोई औचित्य नहीं है। यदि प्रार्थी चाहे तो लंबित याचिका के साथ हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर सकता है।

बता दें कि झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2023 की लिखित परीक्षा 28 जनवरी 2024 को हुई थी। बड़ी संख्या में छात्र परीक्षा में शामिल भी हुए थे। छात्रों ने प्रश्नपत्र लीक का आरोप लगाया था। इसके बाद परीक्षा रद कर दी गई थी। इसके बाद सरकार ने एसआइटी का गठन किया था।

ध्वनि प्रदूषण की शिकायत करने वालों को धमकी देने पर कोर्ट गंभीर

झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एमएम रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में राज्य में ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने ध्वनि प्रदूषण की शिकायत करने वालों को धमकी दिए जाने के मामले को गंभीरता लिया है।

कोर्ट ने इसका रिकार्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 29 दिसंबर को होगी। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि जब कोई पुलिस से ध्वनि प्रदूषण की शिकायत करता है या यह बताया जाता है कि किसी भी धार्मिक संस्था या व्यक्ति देर रात या सुबह-सुबह ध्वनि प्रदूषण कर रहा है तो उसे पुलिस द्वारा धमकाया जाता है।

प्रार्थी की इस जानकारी के बाद खंडपीठ ने इससे संबंधित रिकॉर्ड कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। पिछली सुनवाई में सिविल सोसाइटी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि निर्धारित समय के बाद डीजे और लाउडस्पीकर बजाने की शिकायत लोग करते हैं, लेकिन उनकी पहचान गोपनीय नहीं रह पाती।

इसके बाद उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोग शिकायत करने से बच रहे हैं। इस पर कोर्ट ने पुलिस और सरकार को शिकायत की सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखने का निर्देश दिया था।

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