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सिपाही नियुक्ति में उम्र सीमा में छूट का मामला: आज झारखंड हाईकोर्ट में होगी सुनवाई, रिक्‍त पदों के लिए आवेदन की बढ़ी तिथि

झारखंड हाई कोर्ट में आज सिपाही नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन में उम्र सीमा में छूट के लिए दाखिल याचिका पर विस्‍तृत सुनवाई होगी। याचिका में नियुक्ति के लिए उम्र सीमा की गणना वर्ष 2019 निर्धारित की गई है जबकि इसे वर्ष 2016 किया जाना चाहिए क्‍योंकि जेएसएससी की ओर से जारी विज्ञापन में वर्ष 2015 से रिक्त पदों पर नियुक्ति की बात कही गई।

By Jagran News Edited By: Arijita Sen Updated: Tue, 13 Feb 2024 12:19 PM (IST)
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सिपाही नियुक्ति में उम्र सीमा में छूट पर आज होगी हाई कोर्ट में विस्तृत सुनवाई।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एस चंद्रशेखर व जस्टिस एके राय की खंडपीठ में सिपाही नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन में उम्र सीमा में छूट के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने मंगलवार को विस्तृत सुनवाई के लिए याचिका सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। इस संबंध में मोहित कुमार, पंकज सिंह सहित अन्य ने याचिका दाखिल की है।

JSSC के विज्ञापन में उम्र सीमा 2019 निर्धारित

याचिका में कहा गया है कि नियुक्ति के लिए उम्र सीमा की गणना वर्ष 2019 निर्धारित की गई है, जबकि इसे वर्ष 2016 किया जाना चाहिए। जेएसएससी की ओर से जारी विज्ञापन में वर्ष 2015 से रिक्त पदों पर नियुक्ति की बात कही गई। ऐसे में इस उम्र सीमा का निर्धारण वर्ष 2016 होनी चाहिए। जबकि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से जारी विज्ञापन में उम्र सीमा वर्ष 2019 कर दिया गया है।

बढ़ाई गई आवेदन की अंतिम तिथि

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने सिपाहियों के 4919 रिक्त पदों के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया है। 15 जनवरी से आवेदन जमा किया जा रहा है। पूर्व में 14 फरवरी तक आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि थी, जिसे आयोग ने बढ़कर आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 फरवरी कर दिया है। जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने पक्ष रखा।

सिपाही नियुक्ति नियमावली पर 21 को सुनवाई

इसी अदालत ने सिपाही नियुक्ति नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका पर आंशिक सुनवाई हुई। अदालत ने मामले की विस्तृत सुनवाई 21 फरवरी को निर्धारित की है। इस संबंध में सुनील टुडू सहित कई अन्य याचिकाएं अदालत में दाखिल की गई हैं।

सुनवाई के दौरान अदालत के संज्ञान में यह बात आई कि इस मामले में कुछ नए लोगों को प्रतिवादी बनाने के लिए कहा गया था, लेकिन अभी तक उन्हें प्रतिवादी नहीं बनाया गया है। इस पर अदालत ने सभी को प्रतिवादी बनाने का निर्देश देते हुए 21 फरवरी को सुनवाई निर्धारित की।

याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने सिपाही नियुक्ति नियमावली 2014 में संशोधन किया है। ऐसा करना पुलिस मैनुअल के नियमों के खिलाफ है। पूर्व में अदालत ने इस मामले में संशोधित नियमावली के तहत होने वाली नियुक्ति के बारे में कहा था कि इस याचिका पर हाई कोर्ट के अंतिम आदेश से नियुक्ति की प्रक्रिया प्रभावित होगी।

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