कंप्यूटर ऑपरेटर को समान काम के बदले बराबर वेतन पर निर्णय लें सचिव, झारखंड हाईकोर्ट ने 4 महीनों का दिया समय
राज्य के जिलों में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में कार्यरत कंप्यूटर आपरेटर द्वारा समान काम के बदले समान वेतन की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने मामले में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को चार माह में प्रार्थियों के संबंध में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट में राज्य के जिलों में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में कार्यरत कंप्यूटर आपरेटर द्वारा समान काम के बदले समान वेतन की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के बाद अदालत ने मामले में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को चार माह में प्रार्थियों के संबंध में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि अगर प्रार्थियों की देय राशि बनती है तो इसका भुगतान उन्हें सुनिश्चित किया जाए।
इसके साथ अदालत ने याचिका निष्पादित कर दी। इस संबंध में प्रार्थी प्रेमचंद विनोद टेटे एवं अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। वह जिलों में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में संविदा पर कार्यरत है।
उनकी ओर से समान काम के बदले समान वेतन देने का आग्रह किया गया था, जिसमें वित्त विभाग के वर्ष 2017 एवं वर्ष 2023 की अधिसूचना का आधार बनाया गया है। उनकी ओर से कहा गया था कि वह वर्ष 2005 –06 से संविदा पर कार्यरत है। उन्हें प्रति माह 10500 मिलते हैं।
वित्त विभाग ने साल 2023 में बढ़ाया था मानदेय
वर्ष 2017 के वित्त विभाग की अधिसूचना के आधार पर पथ निर्माण विभाग सहित अन्य विभाग के कंप्यूटर आपरेटर और सचिवालय में कार्यरत ग्रामीण विकास विभाग के संविदा कर्मियों को 26800 रुपये का भुगतान किया जा रहा है।लेकिन राज्य के जिलों में कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में कार्यरत कंप्यूटर आपरेटर को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। वित्त विभाग ने वर्ष 2023 में झारखंड में कार्यरत कंप्यूटर आपरेटर का मानदेय 34400 कर दिया है।
इसका लाभ भी प्रार्थियों नहीं मिल रहा है। ऐसे में प्रार्थियों को वित्त विभाग की अधिसूचना के आधार पर समान काम के बदले समान वेतन के तहत देय राशि का भुगतान किया जाए।
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