Move to Jagran APP

सड़कों पर लड़की का पीछा करने वाले हो जाएं सावधान! कोर्ट ने कहा- एकटक महिला को देखना या संपर्क की कोशिश भी यौन उत्‍पीड़न

Jharkhand News झारखंड हाई कोर्ट ने अपने दिए एक फैसले में कहा है कि किसी का बार-बार या लगातार पीछा करना देखना या संपर्क करना भी यौन उत्पीड़न के दायरे में आता है। इसी के साथ अदालत ने चतरा जिले के एक शिक्षक की याचिका खारिज कर दी जिस पर स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा को छेड़ने का आरोप है।

By Jagran News Edited By: Arijita Sen Updated: Fri, 05 Jan 2024 12:20 PM (IST)
Hero Image
लगातार पीछा करना, देखना अथवा संपर्क करना भी यौन उत्पीड़न: कोर्ट
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने कहा है कि किसी का बार-बार या लगातार पीछा करना, देखना या संपर्क करना भी यौन उत्पीड़न के दायरे में आता है। इसके साथ ही अदालत ने चतरा जिले के एक शिक्षक की याचिका खारिज कर दी। शिक्षक ने निचली अदालत द्वारा आरोप गठन को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

स्‍कूल मास्‍टर लड़की को करता था परेशान

शिक्षक राहुल यादव पर आरोप है कि वह अपनी स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा को छेड़ता था। छात्रा की शिकायत के बाद स्कूल प्रबंधन ने उसे हटा दिया।

स्कूल से हटने के बाद भी वह पीड़िता का पीछा करने का प्रयास करता था, उससे मिलने और बात करने का प्रयास भी करता था। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई के बाद निचली अदालत ने शिक्षक के खिलाफ आरोप गठित कर दिया।

पोक्‍सो के दायरे आता है शिक्षक का व्‍यवहार

शिक्षक ने आरोप गठन के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी और निचली अदालत के आरोग गठन को रद्द करने का आग्रह किया था। जस्टिस सुभाष चंद की अदालत ने कहा कि शिक्षक का यह व्यवहार पोक्सो एक्ट के दायरे में आता है। अदालत ने निचली अदालत के आदेश को सही बताते हुए आरोपित शिक्षक की याचिका खारिज कर दी।

यह भी पढ़ें: रांची में गांजे की कश ले रहे बच्‍चे, टॉफी के पैकेट में स्‍कूलों के बाहर हो रही भांग की बिक्री; उड़ रही नियमों की धज्जियां

यह भी पढ़ें: Jharkhand Crime News: दुमका में ओम बस के मैनेजर की गोली मारकर हत्या, बदमाशों ने ओवरटेक कर की ताबड़तोड़ फायरिंग

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।