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Dumka Murder Case: हाई कोर्ट की टिप्पणी, झारखंड में कानून का राज नहीं, अपराधियों में डर नहीं

Dumka Murder Case झारखंड हाई कोर्ट ने किशोरी हत्याकांड का स्वत संज्ञान लिया है। कोर्ट ने डीजीपी को अदालत में बुलाकर पूछताछ की। अदालत ने कहा कि पूरे मामले की निगरानी अदालत करेगी। इस घटना को लेकर अदालत ने कड़ी टिप्पणी की है।

By M EkhlaqueEdited By: Updated: Tue, 30 Aug 2022 07:58 PM (IST)
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Dumka Murder Case Dumka: दुमका की रहने वाली किशोरी हत्याकांड पर झारखंड हाईकोर्ट गंभीर।
रांची, राज्य ब्यूरो। Dumka Murder Case Jharkhand झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने दुमका की किशोरी हत्याकांड मामले में स्वत: संज्ञान लिया। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि राज्य में कानून का राज नहीं रह गया है। अपराधियों में प्रशासन और कानून का थोड़ा भी डर नहीं है। अदालत ने कहा कि यह जघन्य अपराध है, लेकिन इस मामले में पुलिस की कार्रवाई भी कई सवाल खड़ा कर रही है। अदालत ने डीएसपी के उस बयान की भी आलोचना की। जिसमें किशोरी हत्याकांड के अभियुक्त को मानसिक रोगी बताया गया था। डीएसपी ने एक साक्षात्कार में अभियुक्त को मानसिक रोगी बताया था।

डीजीपी अदालत में जानकारी देने पहुंचे

कोर्ट ने डीजीपी से पीड़िता के स्वजनों को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया। साथ ही पीड़िता के इलाज से संबंधित भी सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने सरकार से पूरी रिपोर्ट अगले सप्ताह पेश करने का निर्देश दिया। इससे पहले अदालत ने इस मामले पर संज्ञान लिया और महाधिवक्ता से डीजीपी को अदालत में हाजिर करने को कहा। इसके बाद दोपहर 12 बजे के करीब डीजीपी अदालत में हाजिर हुए। इसके बाद अदालत ने डीजीपी से पूरी घटना की जानकारी मांगी। डीपीजी ने बताया कि इस मामले में कार्रवाई हुई है। मुख्य आरोपित सहित अन्य को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल जांच जारी है। इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाएगी। इसकी अनुशंसा सरकार ने भी की है। जांच जारी है और पीड़िता को न्याय दिलाया जाएगा।

पुलिस जांच की हाई कोर्ट करेगा निगरानी

अदालत ने कहा कि इस मामले में पुलिस अनुसंधान की कोर्ट निगरानी करेगा। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि इस मामले में लापरवाही बरती गयी है। सरकार ने भी पीड़िता के त्वरित और बेहतर इलाज का प्रयास नहीं किया। पीड़िता की हालत जब गंभीर थी तो उसे बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान की जानी चाहिए थी। जरूरत पड़ने पर उसे उच्च अस्पताल भी भेजा जाना चाहिए था लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ नहीं किया गया। अदालत ने सरकार को अगली तिथि को इस मामले में पूरी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। अदालत ने यह बताने को कहा है कि पीड़िता के बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए क्या किया गया।

शाहरुख ने पेट्रोल छिड़कर जिंदा जला दिया था

बता दें कि दुमका की छात्रा को 24 अगस्त को एकतरफा प्यार में शाहरुख नामक एक युवक ने पेट्रोल छि़ड़क कर आग लगा दी थी। वह अंकिता के पीछे पड़ा था, लेकिन अंकिता उससे बात नही करती थी। पेट्रोल से जलाने के बाद अंकिता को दुमका मेडिकल कालेज ले जाया गया था जहां से चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए रिम्स भेज दिया था। रिम्स में इलाज के दौरान अंकिता की 28 अगस्त को मौत हो गई।

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