Jharkhand High Court: देश के सिपाही का परिवार सुरक्षित नहीं तो आम जनता का क्या होगा... झारखंड हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी
Jharkhand News झारखंड हाई कोर्ट ने झारखंड सरकार की कार्यशैली पर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि जब देश के सिपाही का परिवार सुरक्षित नहीं तो आम जनता का क्या होगा। कोर्ट में बरियातू में रास्ता विवाद की सुनवाई हो रही थी।
By M EkhlaqueEdited By: Updated: Wed, 16 Mar 2022 09:35 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में बरियातू में रास्ता विवाद को लेकर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि जब देश के सिपाही का परिवार सुरक्षित नहीं है, तो आम जनता का क्या हाल होगा। अदालत ने इस मामले में उपायुक्त, एसएसपी और बरियातू थानेदार को अलग-अलग शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा- रांची में बढ़ रहे इस तरह के मामले
अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि रांची में इस तरह के मामले बढ़ रहे हैं। कोर्ट के समक्ष कई मामले भी आ चुके हैं। मुख्य सचिव और गृह सचिव को इस तरह के मामलों को देखने के लिए आदेश की कापी भेजने का निर्देश कोर्ट ने दिया है। मामले में अगली सुनवाई सात अप्रैल को होगी। इस संबंध में सुनील शर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
सुनील शर्मा ने निजी रास्ते में दीवार बनाई, लोगों ने तोड़ा
सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि बरियातू के रहने वाले सुनील शर्मा ने अपने निजी रास्ते में चारदीवारी बनाई तो पड़ोसियों ने तोड़ दिया। इसके चलते उनका मकान असुरक्षित हो गया है। यहां पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। सुनील शर्मा के पुत्र सेना में है। सेना के कर्नल ने इस विवाद की जांच के लिए उपायुक्त को कई बार पत्र लिखा।
डीसी ने कई बार जांच का आदेश दिया, पहल नहीं हुई
उपायुक्त ने एसडीओ, सीओ और बरियातू थाना को जांच करने का कई बार आदेश दिया। अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। चारदीवारी तोड़े जाने को लेकर बरियातू थाने में आवेदन दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अदालत ने कहा कि सक्षम अधिकारियों के कार्रवाई नहीं करने से प्रार्थी के मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है। यह मामला बहुत गंभीर है। अदालत ने आशा व्यक्त किया है कि इस बीत मामले से संबंधित अधिकारी उचित कार्रवाई करेंगे।
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