झारखंड के स्कूलों में जुमा वाली छुट्टी पर हेमंत सरकार की बड़ी कार्रवाई... शिक्षा मंत्री ने दिया ये आदेश
Jharkhand News झारखंड के जामताड़ा में सरकारी स्कूलों में मुस्लिमों द्वारा शुक्रवार को जबरन साप्ताहिक छुट्टी लागू करने के मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। स्कूलों में शुक्रवार को अवकाश देने तथा नाम बदलने पर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा स्कूलों में सिर्फ विभाग का आदेश चलेगा।
By Alok ShahiEdited By: Updated: Mon, 11 Jul 2022 07:52 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News झारखंड के स्कूलों में शुक्रवार को अवकाश मामले की जांच का आदेश जारी कर दिया गया है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो के आदेश पर प्राथमिक शिक्षा निदेशक दिलीप टोप्पो ने सोमवार को सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को इसे लेकर पत्र भेज दिया। उन्होंने जिला शिक्षा अधीक्षकों को सत्यापन कर एक सप्ताह में पूरी रिपोर्ट देने को कहा है कि किस जिले में कितने और किन स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को अवकाश दिया जा रहा है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है, उन्होंने उसकी भी पहचान कर जानकारी देने को कहा है।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सोमवार को ही सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों से भी वीडियो कांफ्रेंसिंग कर पूरी जानकारी ली। उन्होंने इस मामले को विभागीय मंत्री द्वारा गंभीरता से लेने तथा जांच करने के उनके आदेश की जानकारी देते हुए स्कूलों का सत्यापन करने को कहा है। उन्होंने जिला शिक्षा अधीक्षकों को यह भी बताया कि शुक्रवार को अवकाश सिर्फ उर्दू स्कूलों में ही दिया जा सकता है। इसे लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशालय का स्पष्ट दिशा-निर्देश है। अन्य स्कूलों में किसी भी हाल में रविवार की जगह शुक्रवार को अवकाश नहीं दिया जा सकता।
पाकुड़ और पलामू में भी शुक्रवार को स्कूल बंद
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने वीडियो कांफ्रेंसिग के क्रम में सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों से यह भी पूछा कि उनके जिले में भी इस तरह के स्कूल हैं या नहीं जहां शुक्रवार को अवकाश दिया जा रहा है। बताया जाता है कि पाकुड़ में भी कई स्कूलों के शुक्रवार को बंद होने की जानकारी जिला शिक्षा अधीक्षक ने दी है। वहीं, पलामू के भी कुछ स्कूल में शुक्रवार को अवकाश देने की बात सामने आई है।
सरकार ने की कड़ी कार्रवाई, स्कूल प्रबंध समिति भंग करने का आदेश
झारखंड के जामताड़ा में सरकारी स्कूलों में मुस्लिमों द्वारा शुक्रवार को जबरन साप्ताहिक छुट्टी लागू करने के मामले में हेमंत सोरेन सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। अपनी मनमानी और मनमर्जी चलाने वाले इन सभी स्कूलों की प्रबंधकारिणी समिति को भंग करने का आदेश दिया गया है। स्कूलों में शुक्रवार को अवकाश देने तथा नाम बदलने पर राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने सोमवार को कहा कि तमाम सरकारी स्कूलों में सिर्फ और सिर्फ शिक्षा विभाग का आदेश चलेगा। इसके साथ ही मंत्री ने कार्रवाई की शुरुआत करते हुए कहा कि जामताड़ा के जिन स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को अवकाश दिया जा रहा है, वहां की स्कूल प्रबंध समिति (एसएमसी) को भंग किया जा रहा है।
झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो ने जामताड़ा के स्कूलों में शुक्रवार की जबरन छुट्टी मामले में कड़ा रुख अख्तियार करते हुए अधिकारियों को पूरे मामले की संजीदगी से जांच करने का आदेश दिया है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ हुई अहम बैठक में ऐसे सभी विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति को तत्काल प्रभाव से भंग कर उसे नये सिरे से पुनर्गठित करने को कहा है।
जामताड़ा में मुस्लिमों ने जबरन करा दी शुक्रवार की छुट्टीजामताड़ा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को बताया कि अवकाश के दिन में बदलाव को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा स्कूलों पर दबाव बनाया गया। इनमें विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य भी शामिल थे। मंत्री ने दो टूक कहा कि विद्यालय प्रबंध समिति या स्थानीय लोग स्कूलों का साप्ताहिक अवकाश तय नहीं कर सकते। इसे विभाग ही तय कर सकता है। शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों ने कहा कि विद्यालय प्रबंध समिति को अवकाश तय करने का कोई अधिकार ही नहीं है।
दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया जुमा की छुट्टी का मामलामालूम रहे कि दैनिक जागरण ने दो दिन पहले ही जामताड़ा के सौ से अधिक सरकारी स्कूलों में रविवार के बदले जुमा, शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश देने और कई स्कूलों के नाम में जबरन उर्दू शब्द जोड़ने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने दैनिक जागरण की खबर पर संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने पूरे राज्य में स्कूलों के नाम या साप्ताहिक अवकाश बदलने पर एक सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि राज्य में जहां-जहां और जितने स्कूलों में ऐसा हो रहा है और उसमें जो लोग दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
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