Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Jharkhand News: हेमंत सरकार ने टेलीकाम कंपनी को दिया शिक्षक बहाली का ठेका... हाई कोर्ट ने बखिया उधेड़ी...

Jharkhand News झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकारी स्कूलों में रिसोर्स शिक्षक की नियुक्ति मामले सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने इस मामले में जेईपीसी (झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल) और राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

By Alok ShahiEdited By: Updated: Wed, 08 Jun 2022 11:03 PM (IST)
Hero Image
Jharkhand News: अदालत ने सरकार से पूछा- टेलीकाम कंपनी को कैसे दे दिया रिसोर्स शिक्षकों की नियुक्ति का टेंडर।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकारी स्कूलों में रिसोर्स शिक्षक की नियुक्ति मामले सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने इस मामले में जेईपीसी (झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल) और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने जेईपीसी से पूछा है कि टेलीकाम सेक्टर में काम करने वाली कंपनी को रिसोर्स शिक्षक नियुक्ति का टेंडर कैसे दे दिया। उक्त कंपनी के पास शिक्षकों को नियुक्ति करने का कोई अनुभव नहीं है।

अदालत ने इस मामले में टेंडर पाने वाली जेएमडी सर्विस कंपनी को नोटिस जारी किया है। इस मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी। इस संबंध में गोवर्धन मिंज सहित 11 अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि केंद्र सरकार की ओर से समग्र शिक्षा अभियान चलाया जाता है। इसके लिए जेईपीसी को नोडल एजेंसी बनाया गया है।

जेईपीसी ने रिसोर्स शिक्षकों की आउट सोर्स के जरिए नियुक्ति के लिए टेंडर निकाला। टेलीकाम सेक्टर में काम करने वाली कंपनी जेएमडी सर्विस कंपनी को टेंडर दिया। अदालत को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार रिसोर्स शिक्षकों के पद पर नियमित नियुक्ति होनी चाहिए। जिसका राज्य में पालन नहीं किया जा रहा है। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन ने पक्ष रखा।

पलामू के एके सिंह डिग्री कालेज मामले में कोर्ट ने दिया ये निर्देश

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डा एसएन प्रसाद की अदालत में जपला के एके सिंह डिग्री कालेज के कर्मियों को बर्खास्त करने और बकाया भुगतान को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में प्रार्थियों को नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति के यहां आवेदन देने का निर्देश दिया है। अदालत ने कुलपति को उक्त आवेदन पर छह सप्ताह में निर्णय लेने को कहा है। उक्त आदेश के बाद कोर्ट ने याचिका को निष्पादित कर दिया है। इस संबंध में अंकित कश्यप सहित अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अनुराग कश्यप ने अदालत को बताया कि पलामू के जपला स्थित एके सिंह डिग्री कालेज में वर्ष 2014 शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इनकी नियुक्ति भी हो गई थी। वर्ष 2017 में उनका वेतन भुगतान बंद कर दिया गया। इसके बाद वर्ष 2021 में इन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। कहा गया कि इनकी नियुक्ति के लिए बनी कमेटी का गठन गलत था।

अदालत को बताया गया कि अगर कमेटी का गठन हुआ था तो इसके लिए प्रार्थी जिम्मेदार नहीं है। उन्हें सेवा बहाल करते हुए बकाया भुगतान कराया जाए। इस पर अदालत ने सभी प्रार्थियों को कुलपति के यहां आवेदन देने और उक्त आवेदन पर कुलपति को छह सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर