Wi-Fi सुविधा से लैस होंगे झारखंड के सभी अस्पताल, डिजिटल हेल्थ मिशन की दिशा में आगे बढ़ी हेमंत सरकार
झारखंड के सभी सरकारी अस्पताल जल्द ही वाई-फाई की सुविधा से लैस हो जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने 595 सरकारी अस्पतालों में लगभग 65 करोड़ रुपये की लागत से वाई-फाई लगाने का प्रस्ताव तैयार किया है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को आम लोगों तक आसानी से पहुंचाने के लिए डिजिटलीकरण बेहद जरूरी है। सरकार डिजिटल हेल्थ मिशन शुरू करने की दिशा में सरकार रही है।
पवन कुमार, रांची। झारखंड के सभी सरकारी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज जल्द ही वाई-फाई सुविधा से लैस हो जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के 595 सरकारी अस्पतालों में 64.99 करोड़ रुपये की लागत से वाई-फाई लगाने का प्रस्ताव तैयार किया है। प्रस्ताव पर कैबिनेट की सहमति ली जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयार प्रस्ताव में कहा गया है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को आम लोगों तक सुलभ कराने और डिजिटल तकनीक के माध्यम से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए राज्य में डिजिटल हेल्थ योजना प्रारंभ करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है, जिसके लिए स्वास्थ्य संस्थानों को वाई-फाई से युक्त होना चाहिए।
बीएसएनल के साथ होगा तीन वर्षों के लिए करार
स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयार प्रस्ताव में कहा गया है कि भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) की ओर से राज्य के ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियों की पहुंच अभी भी राज्य के ग्रामीण इलाकों में नहीं है। ऐसे में वित्त विभाग के नियम को शिथिल करते हुए बीएसएनएल को मनोनयन के आधार पर अस्पतालों में वाई-फाई लगाने का कार्य दिया जा सकता है।
करार के दो महीने बाद बहाल हो जाएगी वाई-फाई सुविधा
बीएसएनएल से करार होने के बाद अगले 60 दिनों में सभी सरकारी अस्पतालों में वाई-फाई की सुविधा बहाल हो जाएगी। बदले में राज्य सरकार बीएसएनएल को हर साल का वार्षिक शुल्क एडवांस में पेमेंट करेगी।21.66 करोड़ रुपये होगा सलाना व्यय प्रस्ताव में कहा गया है कि सभी अस्पतालों में वाई-फाई सुविधा पर कुल वार्षिक अनुमानित व्यय 21.66 करोड़ रुपये आंका गया है।
इस तरह तीन वर्षों के लिए अनुमानित व्यय 64.99 करोड़ होगा। वाई-फाई सुविधा की कार्यावधि तीन वर्षों से अधिक के लिए विस्तारित की जाती है, तो चौथे वर्ष के लिए बीएसएनएल की ओर से 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।इसमें अनुमानित वार्षिक व्यय (जीएसटी सहित) 19,49,72,580 रुपये तथा पांचवें वर्ष के लिए 20 प्रतिशत की छूट दी जाएगी, जिसमें अनुमानित वार्षिक व्यय 17.33 करोड़ रुपये होगा।
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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी)-367 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) - 188 अनुमंडलीय अस्पताल - 13 जिला अस्पताल- 20 मेडिकल कालेज- 5 राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कैंपस-1वाई-फाई से यह होगा फायदा
- आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में इलेक्ट्रानिक हेल्थ रिकार्ड का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। आयुष्मान भारत डिजीटल मिशन (एबीडीएम) के तहत स्कैन और शेयर के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में वाई-फाई की आवश्यकता है। इससे किसी भी व्यक्ति के हेल्थ रिकार्ड को किसी दूसरे स्वास्थ्य संस्थान में स्थानांतरित किया जा सकेगा।
- रियल टाइम कम्युनिकेशन के माध्यम से डाक्टर, पाराकर्मी और अन्य स्वास्थ्यकर्मी वाई-फाई से जुडे मोबाइल उपकरणों का उपयोग कर तुरंत संवाद कर सकते हैं। अपडेट साझा कर सकते हैं और रोगी के देखभाल में समन्वय स्थापित कर सकते हैं।
- वाई-फाई टेलीमेडिसिन सेवाओं की सुविधा प्रदान करना आसान होगा, जिससे मरीज दूर से ही विशेषज्ञों से परामर्श कर सकेंगे। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह काफी उपयोगी साबित होगा।
- प्रशासनिक कार्यों, इन्वेंट्री प्रबंधन और अन्य सुविधाओं को भी वाई-फाई के साथ सुव्यवस्थित किया जा सकेगा। इससे स्वास्थ्य कर्मियों की कार्यक्षमता में सुधार होगा।