IAS Pooja Singhal: हेमंत सोरेन को फंसाने का प्रेशर, पूजा सिंघल के दूसरे पति अभिषेक झा ने उगले कई राज
Jharkhand IAS Pooja Singhal ईडी आइएएस पूजा सिंघल के दूसरे पति अभिषेक झा को गिरफ्तार कर सकती है। दिनभर की लंबी पूछताछ के बाद मीडिया से बचने के लिए अभिषेक दीवार कूदकर पीछे की ओर से पड़ोसी के घर से होते हुए भाग खड़ा हुआ।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand IAS Pooja Singhal करोड़ों के घोटाले में फंसी झारखंड की आइएएस पूजा सिंघल के दूसरे पति अभिषेक झा को ईडी कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। हालांकि, अभी अभिषेक झा को दिनभर की लंबी पूछताछ के बाद घर भेज दिया गया है। ईडी के अधिकारी उन्हेहं कल भी पूछताछ के लिए बुला सकते हैं। उनसे सुबह से ही ईडी पूछताछ कर रही थी। जानकारी के मुताबिक मीडिया की नजरों से बचने के लिए ईडी जोनल आफिस के पिछले दरवाजे से अभिषेक झा को बाहर निकाला गया। ईडी के अधिकारी रांची में बरियातू रोड स्थित पल्स अस्पताल को भी सील करने पर मंथन कर रहे हैं। ईडी सूत्रों के अनुसार मनी लांड्रिंग से संबंधित सर्वाधिक दस्तावेज पल्स अस्पताल से ही मिले हैं। यहां दो दिनों तक ईडी ने गहन तलाशी भी ली थी और इसी सिलसिले में अस्पताल के प्रबंध निदेशक अभिषेक झा से रविवार को ईडी के अधिकारियों ने लंबी पूछताछ भी की।
सूचना है कि अस्पताल में नए मरीजों की भर्ती बंद हो गई है। जो पुराने मरीज थे, वे एक-एक कर जाने लगे हैं। ऐसे में यह संभावना बनने लगी है कि जल्द ही उक्त अस्पताल को सील किया जाएगा। यह भी आरोप है कि पल्स अस्पताल भुईहरि जमीन पर बना है। इसकी शिकायत भी की गई थी। जांच का आदेश दिया गया था, लेकिन यह ठंडे बस्ते में चला गया। पल्स अस्पताल के लिए सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों ने ऋण देने से स्पष्ट मना कर दिया था, लेकिन एक निजी बैंक से लोन लिया गया। पल्स अस्पताल पूजा सिंघल और उनके सहयोगियों का अहम ठिकाना था। अस्पताल के खाते में कई अकाउंट के जारी बड़ी राशि डाली गई है। ईडी को इससे मिले तथ्य हाथ लगे हैं।
सीए सुमन सिंह का आरोप, सीएम, पूजा सिंघल और चौबे का नाम लेने का दबाव
ईडी की छापेमारी 19.31 करोड़ रुपये के साथ गिरफ्तार सीएम सुमन सिंह का आरोप है कि ईडी उसपर दबाव बना रहा है। शनिवार को जेल जाने से पहले उसने इस घोटाले की जांच कर रही ईडी की टीम पर गंभीर आरोप लगाया। उसने मीडिया के समक्ष कहा कि ईडी के अधिकारी बार-बार उसपर यह दबाव बना रहे हैं कि वह झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आइएएस पूजा सिंघल व मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे का नाम ले कि बरामद 19.31 करोड़ रुपये उनसे ही जुड़े हुए हैं। मीडिया की पूछताछ में भी उसने यह नहीं बताया कि उसके पास 19.31 करोड़ रुपये नकदी आखिरकार कहां से आए?
पूजा सिंघल के नाम पर सियासी भूचाल, झामुमो और भाजपा में ठनी
आइएएस पूजा सिंघल के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी के बाद सियासी आरोप-प्रत्यारोप रविवार को होता रहा। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन कर आरोप लगाया कि गिरफ्तार किए गए सीए से ईडी जबरन सीएम हेमंत सोरेन का नाम बोलने के लिए दबाव बना रहा है। उन्होंने भाजपा पर ईडी के साथ मिलकर राज्य सरकार को अस्थिर करने के प्रयास का भी आरोप लगाया। झामुमो नेता ने दो वीडियो क्लिप भी प्रस्तुत किया, जिसमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश कहते हुए दिख रहे हैं कि केंद्र में भाजपा की सरकार है और ईडी उनकी एजेंसी है।
भाजपा की जांच एजेंसी है ईडी : झामुमो
झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि दीपक प्रकाश ने अपने बयान से यह स्पष्ट कर दिया कि ईडी उनकी एजेंसी है, जिसके माध्यम से झारखंड की हेमंत सरकार को अस्थिर करने की कोशिश हो रही है। अगर ऐसा नहीं होता तो 19.31 करोड़ रुपये के साथ गिरफ्तार चार्टर्ड अकाउंटेंट पर यह दबाव नहीं बनाया जाता कि वह यह स्वीकार कर ले कि सभी रुपये हेमंत सोरेन के हैं। भाजपा यह समझ ले कि सरकार उनकी इस साजिश से डरने वाली नहीं है। भाजपा अपनी कमियों को छुपाने के लिए यह कार्रवाई करवा रही है। झारखंड सरकार ने पारा टीचर के आंदोलन को सुलझाया, स्थानीय नियोजन नीति पर काम कर रही है और उसे बाधित करने के लिए यह कुचक्र रचा जा रहा है। इस साजिश के खिलाफ राज्य के लोगों को एकजुट होना होगा।
दोषी मिलने के बाद भी रघुवर सरकार ने किया पूजा सिंघल का प्रमोशन
झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि मनरेगा घोटाले में वर्ष 2016 में तत्कालीन कार्मिक सचिव निधि खरे ने भी अपनी रिपोर्ट में यह जिक्र किया था कि मनरेगा में भारी अनियमितता हुई है, इसके लिए पूजा सिंघल जिम्मेदार है। कृषि सर्वे में भी पूजा सिंघल दोषी पाई गई थी। इसके बावजूद तत्कालीन रघुवर सरकार ने प्रतिकूल जांच रिपोर्ट के बावजूद पूजा सिंघल को प्रोन्नति दे दी थी। वर्ष 2013-14 में 15 महीने तथा वर्तमान में 28 महीने की हेमंत सोरेन की सरकार में एक भी वित्तीय अनियमितता का मामला सामने नहीं आया है। भाजपा बार-बार यह कह रही है कि सीएम को जांच के दायरे में लाया जाय। सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्र ने एड़ी-चोटी लगा दी है, जबकि संविधान विशेषज्ञों ने भी बता दिया है कि जो आरोप लग रहे हैं, उससे हेमंत सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।