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MNREGA Scam: आइएएस पूजा सिंघल ने मनरेगा घोटाले में गलत तरीके से एनजीओ को दिए फंड, स्थानांतरित

Jharkhand MNREGA Scam आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल पर चतरा में मनरेगा फंड से मूसली की खेती के लिए गलत तरीके से दो एनजीओ को फंड देने का मामला है तो दूसरा मामला पलामू में जंगल भूमि को खनन कार्य के लिए स्थानांतरित करने से संबंधित है। पलामू में स्थानांतरित किया।

By Sanjay KumarEdited By: Updated: Thu, 10 Feb 2022 08:10 PM (IST)
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Jharkhand MNREGA Scam: आइएएस पूजा सिंघल ने मनरेगा घोटाले में गलत तरीके से एनजीओ को दिए फंड
रांची, (राज्य ब्यूरो)। Jharkhand MNREGA Scam प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनरेगा घोटाला मामले में झारखंड हाई कोर्ट में दाखिल शपथपत्र में दो अन्य घटनाओं की जांच करने की बात कही है। ईडी ने शपथ पत्र में बताया है कि आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल के चतरा और पलामू डीसी रहने के दौरान हुए कार्यों की भी वह जांच कर रहा है। इनमें एक चतरा में मनरेगा फंड से मूसली की खेती के लिए गलत तरीके से दो एनजीओ को फंड देने का मामला है तो दूसरा मामला पलामू में जंगल भूमि को खनन कार्य के लिए स्थानांतरित करने से संबंधित है। दोनों ही मामले के वक्त आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल संबंधित जिलों की उपायुक्त रह चुकी हैं।

झारखंड हाई कोर्ट में अरुण कुमार दुबे ने जांच एजेंसी पर यह सवाल उठाते हुए जनहित याचिका दायर की थी कि मनरेगा घोटाले में बड़े अधिकारियों के खिलाफ अनुसंधान नहीं किया जा रहा है। इसके बाद ही ईडी ने झारखंड हाई कोर्ट में शपथ पत्र दायर कर अपनी चल रही कार्यवाही और अनुसंधान की जानकारी दी है।

खूंटी में मनरेगा में 18.06 करोड़ रुपये के घोटाले

ईडी ने झारखंड हाई कोर्ट को अपने दिए शपथ पत्र के माध्यम से बताया है कि खूंटी जिले में मनरेगा में 18.06 करोड़ रुपये के घोटाले के वक्त वहां की उपायुक्त पूजा सिंघल थी। इस मामले में वहां के कनीय अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे, जिन्होंने ईडी को दिए अपने बयान में यह स्वीकार किया है कि कमीशन की राशि उपायुक्त कार्यालय तक पहुंचती थी। ईडी ने चतरा और पलामू के भी दोनों मामलों की चल रही जांच की जानकारी अपने शपथ पत्र के माध्यम से हाई कोर्ट को दी है।

क्या हैं दोनों मामले

  • चतरा जिला : पूजा सिंघल चतरा जिले में अगस्त 2007 से जून 2008 तक उपायुक्त के पद पर तैनात थीं। आरोप है कि उन्होंने दो एनजीओ को मनरेगा के तहत छह करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया था। इन दोनों एनजीओ में वेलफेयर पाइंट और प्रेरणा निकेतन शामिल है। उक्त राशि मूसली की खेती के लिए आवंटित की गई थी। जबकि इस तरह का कोई कार्य वहां नहीं हुआ था।
  • पलामू जिला : पलामू जिला में उपायुक्त रहते हुए पूजा सिंघल पर यह आरोप है कि उन्होंने करीब 83 एकड़ जंगल भूमि को निजी कंपनी को खनन के लिए ट्रांसफर किया था। यह कठौतिया कोल माइंस से जुड़ा मामला है, जिससे संबंधित विवाद कई बार विधानसभा में उठ चुका है।
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