झारखंड की सियासत में उबाल, असम के मुख्यमंत्री हिमंत पर JMM का बड़ा आरोप; PM Modi का भी लिया नाम
जैसे-जैसे झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election 2024) नजदीक आ रहे हैं प्रदेश का सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। असम के CM हिमंत राज्य में पूरी तरह से सक्रिय नजर आ रहे हैं। हेमंत सोरेन की पार्टी JMM भी उनके तमाम आरोपों का जवाब दे रही है। जेएमएम ने कहा है कि असम CM को आदिवासियों से स्नेह नहीं है। ये बस हेमंत सोरेन से चिढ़ते हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Politics News राज्य सरकार को लगातार विभिन्न मुद्दों पर घेरने वाले असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा पर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने गुरुवार को एक बार फिर प्रहार किया। महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हिमंत और भाजपा को आदिवासियों से स्नेह नहीं है। ये हेमंत सोरेन से चिढ़ते हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य के मदरसे को लेकर भाजपा के नेता जहर घोल रहे हैं, जबकि सर्वाधिक मदरसे भाजपा शासित राज्यों में संचालित होते हैं। सवाल उठाया कि क्या हिमंत बिस्व सरमा को कोई रिपोर्ट आई है कि झारखंड के मदरसों में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां चल चल रही हैं। यहां संस्कृत कॉलेज और स्कूल भी चल रहे हैं, लेकिन इनको दिक्कत सिर्फ मदरसे से है।
'अगर भाजपा को आदिवासियों से प्रेम होता तो...'
झामुमो नेता ने कहा कि भाजपा को अगर आदिवासियों से प्रेम रहता तो प्रधानमंत्री बैठे रहते और एक आदिवासी राष्ट्रपति खड़ी नहीं रहतीं। संसद भवन के शिलान्यास के समय एक दलित राष्ट्रपति और संसद भवन के उद्घाटन में एक आदिवासी राष्ट्रपति को कार्यक्रम से दूर नहीं रखा जाता।उन्होंने कहा, अगर असम के सीएम को इतना ही आदिवासियों से प्रेम है तो सबसे पहले वे वहां रह रहे झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और बंगाल के आदिवासियों को एसटी का दर्जा दे। उन्हें वहां टी-ट्राइब कहा जाता है।
'हेमंत सोरेन का नाम सुनकर बाबूलाल चढ़ जाते पेड़ पर'
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि असम के सीएम के साथ बाबूलाल मरांडी भी घुसपैठ-घुसपैठ चिल्ला रहे हैं। हेमंत सोरेन का नाम सुनते ही बाबूलाल मरांडी पेड़ पर चढ़ जाते हैं। ये याद रख लें कि भाजपा ना तो सीएम के रूप में प्रोजेक्ट करेगी और न ही सीएम बनाएगी। अर्जुन मुंडा तो राजनीतिक रूप से बेरोजगार हो चुके हैं।ये भी पढ़ें- Jharkhand Politics: विधायक जेपी पटेल और लोबिन हेम्ब्रम पर दल-बदल मामले में लटकी तलवार, 22 जुलाई तक जवाब तलब
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