Jharkhand: सीएम सोरेन को मिले ED के समन पर JMM का फूटा गुस्सा, कहा- यह एक सोची-समझी साजिश का है हिस्सा
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिले ईडी के समन का सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने विरोध किया है। मोर्चे के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। इसकी पटकथा पूर्व में ही लिखी जा चुकी है। झारखंड मुक्ति मोर्चा इन चुनौतियों से नहीं घबराता। सभी चुनौतियों का पूर्व में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सामना किया है।
राज्य ब्यूरो, रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिले ईडी के समन का सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने विरोध किया है। मोर्चे के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है।
इसकी पटकथा पूर्व में ही लिखी जा चुकी है। बुधवार को आदिवासी दिवस है और उसके एक दिन पहले समन जारी करना यह प्रमाणित करता है कि आदिवासी महोत्सव से इनके पेट में दर्द हो रहा है।
पंद्रह अगस्त से एक दिन पूर्व पूछताछ के लिए समन करना बुलाना भी यह प्रमाणित करता है कि इनकी मंशा है कि मुख्यमंत्री राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराएं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा इन चुनौतियों से नहीं घबराता। सभी चुनौतियों का पूर्व में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सामना किया है।
काम नहीं आएगा आदिवासी कार्ड
इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन को ईडी के समन पर बयान जारी कर कहा कि अब आदिवासी कार्ड काम नहीं आएगा।
उन्होंने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि सिटिंग सीएम के रूप में ईडी के समक्ष प्रस्तुत होने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं। जमीन घोटाला और मनी लांड्रिंग में उनसे पूछताछ होगी।
देना ही होगा सीएम को जवाब
मंत्री बाबूलाल ने आगे कहा कि उन्हें जवाब देना ही होगा कि उनके परिवार एवं उन्होंने गरीब आदिवासियों की जमीन हड़पी है या नहीं। मुख्यमंत्री जांच एजेंसियों पर जरूर सवाल खड़ा करेंगे, लेकिन इससे सच्चाई नहीं छिप सकती।
आदिवासी कार्ड काम नहीं आएगा, क्योंकि जनजाति समाज सच्चाई को समझ चुका है। इन्हें जनजाति समाज की बजाय लूट में साथ देने वाले साथी प्रिय हैं। फंसने पर इन्हें आदिवासी याद आने लगते हैं।