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Khunti MNREGA Scam: आइएएस पूजा सिंघल, सीए सुमन कुमार, जेई राम विनोद सिन्हा सहित सात आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल

Khunti MNREGA Scam झारखंड के खूंटी में हुए बहुचर्चित मनरेगा घोटाले में मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने विशेष अदालत में दाखिल की चार्जशीट। 18.06 करोड़ रुपये का है मनरेगा घोटाला। भ्रष्टाचार से अवैध धन उगाही के आरोपों की हो चुकी है पुष्टि।

By M EkhlaqueEdited By: Updated: Tue, 05 Jul 2022 08:11 PM (IST)
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IAS Pooja Singhal News: आइएएस पूजा सिंघल, सीए सुमन कुमार, जेई राम विनोद सिन्हा सहित सात आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट

रांची, राज्य ब्यूरो। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रांची स्थित ईडी की विशेष अदालत में मंगलवार को निलंबित आइएएस पूजा सिंघल, उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार, तत्कालीन कनीय अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा सहित कुल सात आरोपितों पर चार्जशीट दाखिल कर दिया है। पूरा मामला खूंटी के बहुचर्चित 18.06 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले का है। इसमें भ्रष्टाचार से अवैध धन उगाही के आरोपों की पुष्टि के बाद ईडी ने मनी लांड्रिंग अधिनियम में अनुसंधान किया, जिसके बाद चार्जशीट की है। निलंबित आइएएस पूजा सिंघल 11 मई से व उनका चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार सात मई से न्यायिक हिरासत में हैं। तत्कालीन कनीय अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा जनवरी-2020 में गिरफ्तार होने के बाद से ही जेल में बंद हैं। ईडी ने मनरेगा घोटाले में झारखंड पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में दर्ज प्राथमिकी व चार्जशीट के आधार पर मनी लांड्रिंग में केस दर्ज किया था। इस केस में एसीबी ने खूंटी की तत्कालीन उपायुक्त पूजा सिंघल को बचाते हुए सिर्फ खूंटी जिला परिषद् के तत्कालीन कनीय अभियंता (जेई) राम विनोद प्रसाद सिन्हा, तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र कुमार जैन, कार्यपालक अभियंता जयकिशोर चौधरी व खूंटी विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशि प्रकाश के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास से मिले थे 19.31 करोड़ रुपये

ईडी ने छह मई को पूजा सिंघल व उनसे जुड़े 20 ठिकानों पर ईडी ने एक साथ छापेमारी की। तब उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार के यहां से 19.31 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे। करोड़ों के लेन-देन से संबंधित दस्तावेज भी मिले थे। इसके बाद सात मई को चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार व 11 मई को पूजा सिंघल की गिरफ्तारी हुई थी। बाद में राज्य सरकार ने पूजा सिंघल को निलंबित कर दिया था।

ईडी ने चार्जशीट में जो दी है जानकारी

खूंटी के बहुचर्चित मनरेगा घोटाले के बाद ईडी ने मनी लांड्रिंग एक्ट में केस दर्ज किया था। ईडी ने इस मामले में अनुसंधान के बाद तत्कालीन कनीय अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा के खिलाफ अभियोजन शिकायत दायर किया था। राम विनोद प्रसाद सिन्हा ने स्वीकारा था कि मनरेगा की योजनाओं की पांच प्रतिशत राशि जिला प्रशासन के पास जाती थी। तब खूंटी की तत्कालीन उपायुक्त पूजा सिंघल थीं। पूजा सिंघल 16 अगस्त 2007 से 16 सितंबर 2008 तक चतरा, 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 तक खूंटी व 19 जुलाई 2010 से आठ जून 2013 तक पलामू की उपायुक्त थीं। तीनों ही जिलों के उपायुक्त के कार्यकाल में पूजा सिंघल व उनके पति अभिषेक झा के खाते में अवैध तरीके से 1.43 करोड़ रुपये जमा हुए। ईडी ने कुछ गवाहों का बयान भी लिया है। कुछ गवाहों ने तो यहां तक बताया कि चार ऐसे अवसर थे, जब राम विनोद प्रसाद सिन्हा ने पुराने 500 के नोट के 18 से 20 गड्डी भी दिया था। ईडी ने उनका बयान भी कलमबद्ध किया था।

अग्रिम भुगतान लेकर पूजा सिंघल को पैसे देता था कनीय अभियंता

ईडी ने कोर्ट में आगे बताया है कि मनरेगा मामले में कनीय अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा अग्रिम भुगतान लेता था। वह काम के लिए रुपये निकालता था और उसे पूजा सिंघल को दे देता था। पूजा सिंघल उक्त राशि की कभी गिनती नहीं करती थी। कुछ गवाहों ने बताया कि रुपयों से भरा बैग राम विनोद सिन्हा बंद हालत में देता था, जिसे वे पूजा सिंघल तक पहुंचाते थे। मनरेगा की योजनाओं में पांच प्रतिशत राशि उपायुक्त को देना ही था।

बैंक खातों के अध्ययन से मिलीं कई जानकारियां

ईडी ने आगे यह भी बताया है कि बैंक खातों के अध्ययन से कई अहम जानकारियां मिली हैं। इसमें पता चला है कि वर्ष 2005-2006 से 2012-13 तक पूजा सिंघल ने 13 बीमा खरीदी थी, जिसके प्रीमियम के रूप में 80.81 लाख रुपये जमा किया। बाद में बिना परिपक्व हुए ही उन्होंने बीमा तोड़कर 84.64 लाख रुपये का भुगतान भी लिया। इसके बाद विभिन्न तिथियों में उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार को 16.57 लाख रुपये स्थानांतरित किया।

खूंटी में 18.06 करोड़ का है मनरेगा घोटाला

खूंटी जिले में मनरेगा घोटाला 18.06 करोड़ रुपये का है। पूरा मामला अप्रैल 2008 से मार्च 2011 के बीच का है। निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल खूंटी में फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच उपायुक्त थीं। उनके उपायुक्त रहते हुए खूंटी में यह घोटाला हुआ था। यह सवाल बार-बार उठता रहा कि पूजा सिंघल की सह पर ही खूंटी में इतना बड़ा घोटाला हुआ। इसकी जांच की जिम्मेदारी एसीबी को दी गई थी, लेकिन एसीबी ने अपनी जांच में पूजा सिंघल की भूमिका को बचाया था। पूजा सिंघल के बाद राजेश शर्मा खूंटी के उपायुक्त बने थे। उन्हें जब मनरेगा में बड़े पैमाने पर घोटाले की जानकारी मिली तो उन्होंने इस मामले में अलग-अलग 17 प्राथमिकी दर्ज कराई थी और इस पूरे प्रकरण की जांच कराने के लिए ग्रामीण विकास विभाग को लिखा था। ग्रामीण विकास विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव एनएन सिन्हा ने विभागीय स्तर पर इसकी जांच कराई। उन्होंने तत्कालीन उपायुक्त पूजा सिंघल, राम विनोद प्रसाद सिन्हा व अन्य क खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा था, लेकिन इस पूरे प्रकरण में पूजा सिंघल को क्लीन चिट मिल गया था।

अभी होटवार जेल में ही रहेंगे पूजा और सुमन

उधर, मनी लांड्रिंग की आरोपित निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल एवं सीए सुमन कुमार को मंगलवार को ईडी की विशेष अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया। अदालत ने दोनों की हिरासत अवधि 19 जुलाई तक बढ़ा दी है। पूजा सिंघल को ईडी की 14 दिनों की पुलिस रिमांड के बाद 25 मई को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेजा गया था, जबकि सीए सुमन कुमार 20 मई से जेल में है। दोनों की पेशी एक साथ हुई। अगली पेशी 19 जुलाई को होगी।

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