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Jharkhand LOGO: लोगो में 'सफेद हाथी' पर सियासत गर्म, सत्ता पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप

Jharkhand LOGO Changed हेमंत सोरेन की सरकार ने राज्य का नया प्रतीक चिन्ह (लोगो) की प्रतिकृति जारी की है जिसमें उकेरे गए हाथी सफेद हैं। सूबे का नया लोगो सियासी विवादों में घिर गया

By Alok ShahiEdited By: Updated: Fri, 24 Jul 2020 06:10 AM (IST)
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Jharkhand LOGO: लोगो में 'सफेद हाथी' पर सियासत गर्म, सत्ता पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand LOGO Controversy NEWS झारखंड का राजकीय पशु हाथी अक्सर सियासी गलियारे के विवादों में उलझता है। पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए मोमेंटम झारखंड के आयोजन का शुभंकर उड़ते हुए हाथी को बनाया था। उसके दो पंख भी लगे थे, जिसकी आड़ में विरोधी अक्सर निशाना साधते थे। अब हेमंत सोरेन की सरकार ने राज्य का नया प्रतीक चिन्ह (लोगो) की प्रतिकृति जारी की है, जिसमें उकेरे गए हाथी सफेद हैं। इसपर नए सिरे से राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर आरंभ हो गया है।

हालांकि राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल इसकी प्रतिकृति को अंतिम नहीं माना जाना चाहिए। इसे अंतिम तौर पर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 15 अगस्त को जारी किया जाएगा। मीडिया में जारी प्रतिकृति में अगर कोई त्रुटि रह गई है तो इसे सुधार लिया जाएगा।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने प्रतीक चिन्ह जारी करने को सरकार का विशेषाधिकार बताते हुए टिप्पणी की है कि यह कोविड-19 से लड़ाई में सरकार की विफलता से ध्यान मोडऩे की कवायद का हिस्सा है। लोगो में हाथी को उजले रंग का दिखाया गया है। बेहतर होगा कि सरकार कामकाज का स्तर सुधारे, लोगो बदलने की बजाय सरकार की कार्यसंस्कृति बदलने की आवश्यकता है। इसपर कांग्रेस ने पलटवार किया है।

कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर के मुताबिक भाजपा ने राज्य की कार्यसंस्कृति को विकृत किया है। हेमंत सोरेन की सरकार जनभावना के अनुरूप काम कर रही है। भाजपा ने हाथी को उड़ाने का काम किया था। नया प्रतीक चिन्ह झारखंड की संस्कृति और प्रकृति से जुड़ा है और भाजपा को उसमें विकृति नजर आ रही है। प्रतिकृति में सुधार की भी गुंजाइश है।

उधर झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने नए लोगो को झारखंडी भावनाओं से जोड़ते हुए कहा है कि पूर्व का प्रतीक चिन्ह ऐसा नहीं था। नया प्रतीक चिन्ह झारखंडी भावनाओं का प्रतिनिधित्व कर रहा है। भाजपा को हर काम में बस खोट निकालने का बहाना चाहिए। 

नए लोगो में क्या-क्या

-बीच में अशोक चक्र, उसके चारों तरफ झारखंड की पारंपरिक सौरा चित्रकारी, उसके बाद झारखंड की पहचान लिए पलाश के फूल, समृद्धि और वैभव का प्रतीक राजकीय पशु हाथी, प्रतीक चिन्ह में हरा रंग का प्रयोग अधिक, लोगो गोलाई लिए हुए। 

पुराने प्रतीक चिन्ह में क्या

-बीच में नीले रंग का अशोक चक्र, चौतरफा अंग्रेजी के जे अक्षर से घिरा, लोगो हरे रंग का और वर्गाकार। 

सरकार गठन के वक्त से ही कवायद

दिसंबर 2019 में नई सरकार के गठन के बाद ही नया प्रतीक चिन्ह तैयार करने की कवायद आरंभ हो गई थी। इसके लिए सुझाव भी आमंत्रित किए गए थे। एक दफा सोशल मीडिया पर एक फर्जी प्रतीक चिन्ह भी वायरल हो गया था, इस पर सरकार ने सफाई दी थी। झारखंड सरकार आगामी 15 अगस्त को विधिवत इसे लांच करेगी।