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MDM Scheme: चावल का खाली बोरा सरकार की संपत्ति... हिसाब देने में मास्टर साहब का छूट रहा पसीना

Jharkhand MDM Scheme एमडीएम योजना के तहत उपलब्ध कराए गए चावल का खाली बोरा बिक्री कर प्राप्त राशि का लेखा जोखा पेश करने को कहा गया है। निदेशालय से निर्देश जारी किया गया है। लेकिन अनुपालन नहीं हो रहा है। हिसाब देने में मास्टर साहब का पसीना छूट रहा है।

By M EkhlaqueEdited By: Updated: Sun, 08 May 2022 06:02 PM (IST)
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Jharkhand MDM Scheme: चावल का खाली बोरा सरकार की संपत्ति... हिसाब देने में मास्टर साहब का छूट रहा पसीना

गुमला, (निर्मल सिंह)। मध्याह्न भोजन योजना के तहत विद्यालयों को उपलब्ध कराए गए चावल के खाली बोरे शिक्षकों और अधिकारियों के लिए जी का जंजाल बनते जा रहे हैं। खाली बोरों की बिक्री और लेखा संधारण के लिए झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण कार्यालय से जिला शिक्षा अधीक्षक को बार-बार पत्राचार हो रहा है, लेकिन स्कूल एवं बीआरसी स्तर पर इसका अनुपालन नहीं हो रहा है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से पिछले सप्ताह जिला शिक्षा अधीक्षक के नाम जारी पत्र में प्राधिकरण के निदेशक किरण कुमार पासी ने विभाग से जारी निर्देशों का अनुपालन नहीं किए जाने से चिंता व्यक्त की है। जारी पत्र में कहा गया है कि मध्याह्न भोजन योजना के तहत खाद्यान्न की आपूर्ति भारतीय खाद्य निगम के बोरा से होता है। खाद्यान्न के उपयाेग के बाद खाली बोरा राज्य सरकार की संपत्ति है। खाली बोरा के लेखा जोखा संधारण के लिए वर्ष 2013 से अब तक बार- बार पत्राचार किया जाता रहा है।

खाली बोरा का शिक्षा अधिकारी ने मांगा हिसाब

पिछले सप्ताह जारी पत्र के अनुसार जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय स्तर से खाली बोरों के लेखा जोखा संधारण का एक बार भी रिपोर्ट निदेशालय को प्राप्त नहीं हो सका है। मध्याह्न भोजन योजना राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में 29 अप्रैल 2022 को जारी पत्र में निदेशक ने स्पष्ट कहा है कि मध्याह्न भोजन के लिए चावल उपलब्ध कराए गए खाली बोरों को तत्काल बिक्री कर प्राप्त राशि को सरस्वती वाहिनी संचालन समिति के खाता में जमा करेंगे। उक्त राशि से मध्याह्न भोजन योजना में उपयोग वाले थाली, प्लेट बर्तन, गिलास आदि का क्रय करेंगें और रोकड़ पंजी में लेखा संधारण करते हुए रिपोर्ट निदेशालय को भेजना निश्चित करेंगे। निदेशक ने लेखा संधारण का स्पष्ट प्रतिवेदन वर्ष वार जमा करने का निर्देश दिया है।

निदेशालय का आदेश है कि बोरा का हिसाब चाहिए

गुमला के प्रभारी डीएसई सुरेन्द्र पांडेय का कहना है कि खाली बोरा का लेखा संधारण, बिक्री एवं प्राप्त राशि के उपयोग के लिए निदेशालय से स्पष्ट आदेश प्राप्त है। विद्यालय स्तर पर आदेश का अनुपालन के लिए प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया जा चुका है। कार्रवाई हो रही है।

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