Jharkhand News: कोर्ट का समय बर्बाद करने पर झारखंड के मंत्री सत्यानंद भोक्ता पर 50 हजार जुर्माना
Jharkhand Politics सत्यानंद भोक्ता पर कृषि बीज एवं उपकरण घोटाला मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने जुर्माना लगाते हुए कहा है कि मामले में एसीबी को याचिका दाखिल करनी चाहिए थी। मालूम हो कि मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार में सत्यानंद भोक्ता श्रम मंत्री हैं।
By Jagran NewsEdited By: M EkhlaqueUpdated: Wed, 09 Nov 2022 10:28 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट ने तत्कालीन कृषि सत्यानंद भोक्ता 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जस्टिस गौतम चौधरी की अदालत ने बीज एवं उपकरण खरीद घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए उक्त जुर्माना लगाया है। राशि झालसा में जमा करने का निर्देश दिया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि इस तरह की याचिका एसीबी को दाखिल करनी चाहिए। प्रार्थी को ऐसा करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने याचिका दाखिल कर कोर्ट का समय बर्बाद किया गया है। इसलिए उनपर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।
इस आधार पर सत्यानंद भोक्ता गए थे अदालत एसीबी ने निचली अदालत में मामले में की आगे की जांच को लेकर याचिका दाखिल की थी। लेकिन अदालत ने एसीबी के आवेदन को खारिज कर दिया। इसी आधार पर सत्यानंद भोक्ता की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी गई। जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई।
कोर्ट से निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थे भोक्ता
बता दें कि तत्कालीन कृषि मंत्री सत्यानंद भोक्ता याचिका दाखिल कर निष्पक्ष जांच की मांग की थी। याचिका में कहा गया है कि बीज खरीद एवं कृषि उपकरण घोटाला मामले में सत्यानंद भोक्ता का प्राथमिकी में नाम नहीं था। लेकिन जांच के दौरान एसीबी ने उनका नाम इसमें शामिल कर दिया। वह इस मामले में दोबारा और निष्पक्ष जांच चाहते हैं, क्योंकि मामले में उन्हें राजनीति से प्रेरित होकर फंसाया गया है।
2005 में सत्यानंद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल निष्पक्ष जांच में अगर उनके खिलाफ साक्ष्य आता है, तो वे ट्रायल फेस करने के लिए तैयार हैं। विनीत कच्छप के आवेदन पर एसीबी ने वर्ष 2009 में पूर्व मंत्री नलिन सोरेन और कृषि निदेशक निस्तार मिंज के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच के बाद एसीबी ने वर्ष 2015 में सत्यानंद भोक्ता सहित अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।
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