Jharkhand News: मनी लांड्रिंग के खिलाड़ी पंकज व पूजा के बाद अमित अग्रवाल भी रांची रिम्स पहुंचा
Jharkhand Money Laundering ईडी का तीसरा कैदी भी रांची रिम्स पहुंचा। चल रहा है इलाज। पेट में दर्द की शिकायत के बाद कारोबारी अमित अग्रवाल को जेल से भेजा गया है रांची रिम्स। मनी लांड्रिंग केस में ईडी ने किया है गिरफ्तार। कई दिनों से चल रही थी पूछताछ।
By Jagran NewsEdited By: M EkhlaqueUpdated: Fri, 28 Oct 2022 09:35 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Money Laundering Case मनी लांड्रिंग के मामले में ईडी के हाथों गिरफ्तार तीन आरोपित बारी-बारी से किसी न किसी बीमारी की शिकायत के बाद रिम्स पहुंच चुके हैं। पहले 1000 करोड़ के अवैध खनन के मामले में मुख्यमंत्री के बरहेट विधानसभा क्षेत्र का विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा गत 29 जुलाई को तबीयत बिगड़ने पर रांची रिम्स में भर्ती कराया गया था। उसके बाद मनरेगा घोटाले में न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा जेल में बंद रहीं निलंबित आइएएस पूजा सिंघल को भी 27 सितंबर को रिम्स में भर्ती कराया गया था। अब इन सभी घोटालों में एक प्रमुख किरदार रहे कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल भी पेट दर्द की शिकायत के बाद शुक्रवार को रांची रिम्स के सेंट्रल इमर्जेंसी में लाया गया, जहां इलाज के दौरान डाक्टरों ने उसकी तबीयत को स्थिर बताया है।
बड़े नेताओं और नौकरशाहों का करीब अमित अग्रवाल मनी लांड्रिंग के मामले में कोलकाता के कारोबारी व नेताओं तथा नौकरशाहों के करीबी अमित अग्रवाल को ईडी ने गत सात अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद विशेष अदालत की अनुमति के बाद 14 अक्टूबर तक पूछताछ के बाद ईडी ने उसे न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेज दिया था। शुक्रवार को अमित अग्रवाल की पेट में अचानक दर्द उठा, जिसके बाद उसका जेल अस्पताल में ही प्राथमिक उपचार हुआ और उसके बाद उसे बेहतर इलाज के लिए रिम्स भेज दिया गया।
50 लाख देकर अधिवक्ता को फंसाया था, खुद फंसा अमित अग्रवाल को ईडी ने गिरफ्तार किया था। उसपर एक जनहित याचिका मैनेज करने के नाम पर अधिवक्ता राजीव कुमार को 50 लाख रुपये देने और अधिवक्ता पर 50 लाख रुपये लेने के मामले में ईडी पूर्व में विशेष अदालत में चार्जशीट भी कर चुकी है। अमित अग्रवाल ने कोलकाता पुलिस के सहयोग से जहां 50 लाख रुपये देकर अधिवक्ता राजीव कुमार को फंसाया था, उसी प्रकार वह भी जांच के घेरे में आ गया और फंस गया। अमित अग्रवाल को ईडी ने गिरफ्तार करने के बाद पीएमएलए कोर्ट को उन्हें रिमांड पर लेने के लिए अभियोजन शिकायत में बताया था कि झारखंड उच्च न्यायालय में दाखिल एक जनहित याचिका मामले में 50 लाख रुपए लेने वाले अधिवक्ता राजीव कुमार के साथ साथ ये भी उतने ही दोषी है। अमित अग्रवाल ने अधिवक्ता को स्वेच्छा से रिश्वत दी और अधिवक्ता ने उसे स्वीकार किया। अधिवक्ता को गिरफ्तार करा अमित अग्रवाल लाभ पाने के लिए एक बड़ी साजिश के तहत काम कर रहे थे।
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