Jharkhand: हजारीबाग में ईसाई बने 15 आदिवासियों ने सनातन धर्म में की वापसी, धर्मांतरण की वजह जान रह जाएंगे हैरान
झारखंड के हजारीबाग में शुक्रवार को चार संथाली आदिवासी परिवारों के 15 सदस्यों ने ईसाई मत से सनातन धर्म में घर वापसी की है। पिछले दिनों कुछ ईसाई प्रचारकों के बहकावे में आकर इन परिवारों ने मतांतरण कर लिया था। शुक्रवार को दिग्वार मुखिया महेंद्र मुर्मू के नेतृत्व में इन सभी परिवारों की विधि-विधान से घर वापसी कराई गई है।
जागरण संवाददाता, हजारीबाग। झारखंड के हजारीबाग जिले में दारु प्रखंड के बंधू टोला में शुक्रवार को चार संथाली आदिवासी परिवारों के 15 सदस्यों ने ईसाई मत से सनातन धर्म में घर वापसी की है। पिछले दिनों कुछ ईसाई प्रचारकों के बहकावे में आकर इन परिवारों ने मतांतरण कर लिया था।
ईसाई प्रचारकों ने बीमारी दूर करने और भूत भगाने का दावा करके इनका मंतातंरण कराया था। शुक्रवार को दिग्वार मुखिया महेंद्र मुर्मू के नेतृत्व में इन सभी परिवारों की विधि-विधान से घर वापसी कराई गई।
हिंदू संगठन और भाजपा नेताओं की उपस्थिति में हुई घरवापसी
एक सप्ताह पूर्व इस क्षेत्र के बंधू टोला में गांव वालों ने एक ईसाई प्रचारक के पकड़ा था, जो लोगों को भ्रमित कर तथा प्रलोभन देकर और चमत्कार से दुख दूर हो जाने के झूठे सपने दिखाकर मतांतरण करा रहा था।
शुक्रवार को घर वापसी समारोह में ग्रामीणों के अलावा, आरएसएस, भाजपा और विश्व हिंदू परिषद के सदस्य भी उपस्थित थे। सभी ने घर वापसी करने वाले लोगों के पांव धोए और उन्हें अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।
इन लोगों ने की घरवापसी
घर वापसी करने वालों में बंधू टोला के टेकलाल मुर्मू, शीला सोरेन, सूरज मुर्मू, अरविंद मरांडी, रेशमी देवी, अनीता मरांडी, बरसा मरांडी, मंजू मरांडी, राजू मरांडी और पंपति देवी शामिल हैं।
जल और दूध से कराया गया स्नान
संथाल समाज के प्रधान ने सभी लोगों को पहले जल और दूध से स्नान कराया, फिर इसके बाद नए वस्त्र देकर सभी को विधिपूर्वक अपने धर्म में शामिल कराया।
कार्यक्रम के दौरान पंचायत के मुखिया महेंद्र मुर्मू की सराहनीय भूमिका रही। 2021 में भी दिग्वार के चुरचू में 10 लोगों ने घर वापसी की थी।
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