Jharkhand News: अब सीबीआइ ने भी अपने केस में व्यवसायी अमित अग्रवाल को किया गिरफ्तार, आज से पांच दिनों की रिमांड पर करेगी पूछताछ
Jharkhand News सीबीआइ दिल्ली की एंटी क्राइम ब्रांच ने बुधवार को कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया। अमित अग्रवाल जमीन घोटाला मामले में ईडी के हाथों गिरफ्तार होने के बाद से ही रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है। सूचना है कि गुरुवार को ही हाई कोर्ट में अमित अग्रवाल की जमानत पर सुनवाई होनी थी।
By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Thu, 07 Dec 2023 06:30 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची।आपराधिक साजिश रचने व पुलिस में झूठी शिकायत दर्ज कराने के मामले में जांच कर रही सीबीआइ दिल्ली की एंटी क्राइम ब्रांच ने बुधवार को कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया। अमित अग्रवाल जमीन घोटाला मामले में ईडी के हाथों गिरफ्तार होने के बाद से ही रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है। सीबीआइ ने रांची स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत से अमित अग्रवाल के लिए पांच दिनों की रिमांड भी ले लिया है। गुरुवार से सीबीआइ की पूछताछ शुरू होगी।
प्राथमिकी भी की गई दर्ज
इधर, सूचना है कि गुरुवार को ही हाई कोर्ट में अमित अग्रवाल की जमानत पर सुनवाई होनी थी इससे पहले ही सीबीआइ ने अपने केस में गिरफ्तार कर लिया। सीबीआइ ने यह प्राथमिकी झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर पूर्व में हुई सीबीआइ की प्रारंभिक जांच (पीई) में आए तथ्यों के आधार पर दर्ज की थी। पीई सीबीआइ के एंटी क्राइम ब्रांच नई दिल्ली के इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने की थी और उन्हीं की शिकायत पर यह प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी।
15 दिनों के भीतर CBI को पीई की जांच रिपोर्ट देनी थी
दर्ज प्राथमिकी में इसका जिक्र किया गया था कि झारखंड उच्च न्यायालय के 30 नवंबर 2022 के आदेश के आलोक में पांच दिसंबर 2022 को प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर अमित अग्रवाल व अन्य के विरुद्ध जांच की गयी थी। 15 दिनों के भीतर सीबीआइ को पीई की जांच रिपोर्ट देनी थी। हाई कोर्ट का उक्त आदेश व्यवसायी अमित अग्रवाल के उन आरोपों की जांच के लिए था, जिसमें अमित अग्रवाल ने कोलकाता के हेयर स्ट्रीट थाने में झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता राजीव कुमार के विरुद्ध एक जनहित याचिका को मैनेज करने के नाम पर 50 लाख रुपये रिश्वत देने का दावा किया था और आरोप लगाया था कि राजीव कुमार ने न्यायिक पदाधिकारियों, ईडी के अधिकारियों व सरकारी पदाधिकारियों को मैनेज करने के नाम पर उक्त राशि की मांग की थी।सीबीआइ की प्रारंभिक जांच में यह हुआ था खुलासा
सीबीआइ की प्रारंभिक जांच (पीई) में यह खुलासा हुआ था कि दस जनवरी 2021 को शिव शंकर शर्मा नामक व्यक्ति ने अपने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका 4290/2021 दाखिल की थी। उक्त जनहित याचिका में यह आरोप लगाया था कि व्यवसायी अमित कुमार अग्रवाल व अन्य ने मिलकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काले धन का विभिन्न शेल कंपनियों में निवेश किया है।
दूसरी जनहित याचिका 16 फरवरी 2022 को 727/2022 में दाखिल की गई थी, जिसमें हेमंत सोरेन व तत्कालीन खान एवं भूतत्व विभाग की सचिव पूजा सिंघल पर मुख्यमंत्री व खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री रहते हुए हेमंत सोरेन को खनन लीज आवंटन से संबंधित आरोप लगा था। उनपर यह भी आरोप लगा था कि वन एवं पर्यावरण मंत्री रहते हुए मुख्यमंत्री ने इस लीज के लिए पर्यावरण का क्लियरेंस ले लिया। हाई कोर्ट ने दोनों ही जनहित याचिका को एक साथ जोड़कर सुनवाई की। सीबीआइ को यह भी पता चला है कि मार्च 2022 में व्यवसायी अमित कुमार अग्रवाल ने रांची के तत्कालीन उपायुक्त के माध्यम से अधिवक्ता राजीव कुमार पर उक्त जनहित याचिकाओं को दबाने के लिए दबाव बनाने का प्रयास किया गया।
सोनू अग्रवाल से किया है नाता
अमित अग्रवाल ने कोलकाता के हेयर स्ट्रीट थाने में 31 जुलाई 2022 को अधिवक्ता राजीव कुमार व शिव शंकर शर्मा के विरुद्ध जनहित याचिका मैनेज करने के नाम पर दस करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद अमित अग्रवाल ने राजीव कुमार को पहले 13 जुलाई 2022 को रांची से कोलकाता बुलाया और इसके बाद 31 जुलाई को अपने परिचित सोनू अग्रवाल के माध्यम से बुलाया, जहां उन्हें रुपये दिए।
दोनों ही मौके पर राजीव कुमार से अमित अग्रवाल के बीच हुई बातचीत को अमित अग्रवाल ने रिकार्ड भी किया। अमित अग्रवाल ने शिकायत में यह भी कहा था कि राजीव कुमार का न्यायिक पदाधिकारियों से बेहतर संपर्क है, जिसके माध्यम से जनहित याचिका मैनेज हो सकता है। इसके एवज में बातचीत के बाद अमित अग्रवाल ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये देकर कोलकाता पुलिस के हाथों पकड़वा दिया। इसके बाद हेयर स्ट्रीट थाने में अमित अग्रवाल की शिकायत पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में प्राथमिकी दर्ज हुई, जिसमें अज्ञात लोकसेवकों को भी आरोपित किया गया था।
यह भी पढ़ें- Russia Ukraine War के बीच फिर एक बार US की एंट्री, यूक्रेन को मिलेगी सैन्य मदद; बाइडन करेंगे 175 मिलियन डॉलर देने की घोषणासीबीआइ की जांच में यह स्पष्ट हुआ था कि अमित अग्रवाल ने हेयर स्ट्रीट थाने में जो सूचना दी वह झूठी थी। अधिवक्ता व अमित अग्रवाल के बीच बातचीत में राजीव कुमार ने कहीं भी उसे धमकाया नहीं है बल्कि अमित अग्रवाल ने ही केस मैनेज करने के लिए रुपयों की पेशकश की। उसने राजीव कुमार को कोलकाता बुलाया और 50 लाख रुपये जनहित याचिका खारिज करवाने व लोकसेवकों को मैनेज करवाने के नाम पर दी।
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