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Jharkhand News: पूर्व मंत्री आलमगीर आलम सहित तीन के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल, कांग्रेस नेता की बढ़ेंगी मुश्किलें

Jharkhand News टेंडर के वर्क आर्डर आवंटित करने के बदले कमीशन घोटाला मामले में ईडी ने गुरुवार को पूर्व मंत्री आलमगीर आलम (Alamgir Alam) आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल व संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर दी है। संजीव लाल व उनका नौकर जहांगीर आलम छह मई को गिरफ्तार हुआ था वहीं मंत्री आलमगीर आलम 15 मई को गिरफ्तार किए गए थे।

By Dilip Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Published: Thu, 04 Jul 2024 08:24 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2024 08:24 PM (IST)
पूर्व मंत्री आलमगीर आलम सहित तीन के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल (जागरण)

राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand News: टेंडर के वर्क आर्डर आवंटित करने के बदले कमीशन घोटाला मामले में ईडी ने गुरुवार को पूर्व मंत्री आलमगीर आलम (Alamgir Alam), आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल व संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर दी है। संजीव लाल व उनका नौकर जहांगीर आलम छह मई को गिरफ्तार हुआ था, वहीं मंत्री आलमगीर आलम 15 मई को गिरफ्तार किए गए थे।

पीएमएलए के रांची स्थित विशेष अदालत में ईडी ने तीनों के विरुद्ध अब तक जांच में मिले तथ्यों, सबूतों से संबंधित दस्तावेज को प्रस्तुत किया है। ईडी ने अपराध की आय से अर्जित अचल संपत्तियों की भी अस्थाई जब्ती की है। तीनों ही आरोपित अभी रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं।ईडी ने कोर्ट को बताया है कि नेताओं व अफसरों का गठजोड़ टेंडर के वर्क आर्डर आवंटन घोटाला में सक्रिय था।

करीबियों को टेंडर देते थे

ये अपने करीबियों को टेंडर देते थे और इसके एवज में कमीशन की मोटी रकम लेते थे। इन तीनों की गिरफ्तारी पूर्व में गिरफ्तार ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम से जुड़े केस में हुई थी। वीरेंद्र राम के विरुद्ध ईडी ने जांच में सवा सौ करोड़ की संपत्ति का पता लगाया था। वीरेंद्र राम की करोड़ों की चल-अचल संपत्ति को ईडी पूर्व में जब्त कर चुकी है।

ईडी ने कोर्ट में बताया है कि ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर के वर्क आर्डर में कमीशन के घोटाले में इंजीनियर, अधिकारी व मंत्री का संगठित गिरोह सक्रिय था। ईडी ने नमूने के तौर पर जनवरी महीने में पारित 92 करोड़ के 25 टेंडर के ब्यौरे से संबंधित एक कागजात भी चार्जशीट में लगाया है।

इसमें यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि मंत्री आलमगीर आलम ने उक्त सभी 25 टेंडर के वर्क आर्डर में 1.23 करोड़ रुपये लिया था। उक्त पेपर में किसी उमेश नाम के व्यक्ति को 1.75 करोड़ व आफिस के लिए 3.46 करोड़ रुपये के भुगतान का जिक्र है। ईडी ने चार्जशीट में बताया है कि कमीशन की राशि बंटवारे के लिए अधिकारी व नेता कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे। मंत्री के लिए एम, आनरेबल मिनिस्टर के लिए एच शब्द का इस्तेमाल होता था।

37.50 करोड़ रुपये जब्त कर चुकी है ईडी

पूर्व मंत्री आलमगीर आलम, उनके निजी सचिव संजीव लाल व नौकर जहांगीर आलम तथा इनसे जुड़े ठिकानों पर ईडी ने छह व सात मई की छापेमारी में कुल 37.5 करोड़ रुपये नकदी जब्त की थी। इनमें 32 करोड़ 20 लाख रुपये संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के हरमू बाई रोड स्थित सर सैय्यद अपार्टमेंट के फ्लैट से मिले थे।

ईडी को मौके से ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े दस्तावेजों के अलावा कुछ सरकारी फाइलें भी मिलीं थीं। ईडी के माध्यम से सरकार को भेजे गए दस्तावेज की कापी भी जहांगीर आलम के आवास से मिले थे। ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि वर्क आर्डर से आने वाले कमीशन के पैसे से संजीव लाल अपने व अपने नौकर जहांगीर आलम के नाम पर भी अचल संपत्ति खरीदी थी। ईडी ने सबका ब्यौरा जुटाया और उसे कोर्ट में पेश भी किया है।

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