सावधान! रांची में तेजी से बढ़ रहे चिकनपॉक्स के मामले, बीमारी के शुरुआती 10 दिनों तक इन बातों का रखें खास ख्याल
राजधानी में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण अस्पतालों में लू लगने की काफी शिकायतें आ रही हैं लेकिन सबसे ज्यादा मामले चिकनपॉक्स के सामने आ रहे हैं। अस्पतालों में चिकनपॉक्स के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
By Anuj tiwariEdited By: Mohit TripathiUpdated: Tue, 13 Jun 2023 01:36 AM (IST)
जागरण संवाददाता, रांची: राजधानी में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण अस्पतालों में लू लगने की काफी शिकायतें आ रही हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मामले चिकनपॉक्स के सामने आ रहे हैं। अस्पतालों में चिकनपॉक्स के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में हर दिन चिकनपॉक्स के चार से पांच मामले पहुंच रहे हैं, एक माह में करीब 150 मामले पहुंचे हैं। इनमें बच्चे से लेकर बड़े शामिल हैं। सबसे अधिक समस्या बच्चों के बीच देखी जा रही है।
डॉक्टरों के अनुसार, इस मौसम में इस तरह के मामले का आना आम बात है, लोगों को अधिक घबराने की जरूरत नहीं है। चिकनपॉक्स आमतौर पर 14 से 16 दिनों में चला जाता है। लेकिन चिकनपॉक्स अधिक खतरनाक रूप धारण ना करे, इसलिए पहले दिन से ही डॉक्टर के अनुसार दवा लेनी चाहिए।
शुरुआत के आठ से 10 दिनों तक दवा जरूरी
रिम्स पीडियॉट्रिक विभाग के एचओडी डॉ. अमर वर्मा बताते हैं कि चिकनपॉक्स में सबसे जरूरी है कि पहले दिन से ही दवा ली जाए। अधिकतर लोग चिकनपॉक्स आने पर घरेलू उपचार शुरू कर देते हैं इससे ठीक होने में वक्त अधिक लगता है और ठीक होने के बाद दाग की समस्या लंबे समय तक रहती है।चिकनपॉक्स के उपचार के लिए आठ से 10 दिन दवा का कोर्स चलता है, इससे बीमारी जल्द ठीक होती है और आगे की समस्या भी कम होती है। दूसरी ओर दवा के साथ-साथ घरेलू उपचार भी किया जा सकता है।
चिकनपॉक्स का वैक्सीन नहीं लेने वालों में समस्या अधिक
चिकनपॉक्स वैक्सीन नहीं लेने वाले बच्चों में समस्या अधिक देखने को मिलती है। अगर बचपन में ही वैक्सीन ले लिया जाए तो इस तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। आमतौर पर वैक्सीन लेने के बाद चिकनपॉक्स होता नहीं है, लेकिन इसके बाद भी कभी-कभी चिकनपॉक्स होता है तो वो माइल्ड होता है। डॉक्टर अमर वर्मा बताते हैं कि वैक्सीन के बाद होने वाले चिकनपॉक्स अधिक बड़े व खतरनाक नहीं होते हैं और जल्द ठीक भी हो जाते हैं।सरकारी अस्पतालों में नहीं मिलती चिकनपॉक्स की वैक्सीन
सरकारी अस्पतालों में चिकनपॉक्स की वैक्सीन उपलब्ध ही नहीं है। सरकारी प्रक्रिया में इस वैक्सीन को रखा ही नहीं गया है, जिस कारण सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में यह उपलब्ध नहीं है। डॉ. वर्मा बताते हैं कि अस्पतालों में यह वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, जिस कारण चिकनपॉक्स के मामले बढ़ते हैं।हालांकि यह बीमारी जानलेवा नहीं है, इसलिए इसे सरकारी अस्पतालों में रखा नहीं गया है। हालांकि निजी स्वास्थ्य केंद्रों में चिकनपॉक्स के वैक्सीन आसानी से मिलते हैं लेकिन इस वैक्सीन के लिए मोटी रकम देनी पड़ती है।
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