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Jharkhand News: प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति पर फिर विवाद, नहीं मिलेगा पूर्व के प्रभाव से प्रमोशन

झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव बलजीत सिंह ने कहा है कि विभाग ने पहली बार वर्ष 1993 में प्रोन्नति नियमावली में वर्णित प्रविधानों के अंतर्गत नियम-सम्मत तरीके से यह दिशानिर्देश जारी किया है और संघ इसका स्वागत करते हुए मांग करता है कि बिना देरी किए इसके आलोक में प्रधानाध्यापक के पदों में अहर्ताधारी योग्य शिक्षकों को शीघ्र प्रोन्नति मिले।

By Neeraj AmbasthaEdited By: Mohammad SameerUpdated: Sat, 07 Oct 2023 05:30 AM (IST)
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प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति पर फिर विवाद (file photo)

राज्य ब्यूरो, रांची। प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति में फिर विवाद उत्पन्न हो गया है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के. रविकुमार ने पांच अक्टूबर को प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति को लेकर 22 बिंदुओं में दिशानिर्देश जारी किया तथा जिला शिक्षा अधीक्षकों को इसी के अनुरूप प्रोन्नति देने को कहा है।

इसमें प्राथमिक शिक्षकों को भूतलक्षी प्रभाव (जिस समय से प्रोन्नति के लिए योग्य थे) से प्रोन्नति नहीं देने का आदेश दिया गया है। विवाद इसी को लेकर है।

भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति नहीं देने को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर करनेवाले वर्ष 2015-17 में नियुक्त शिक्षकों के संघ झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ ने जहां इसकी सराहना की है, वहीं इस अवधि के पूर्व नियुक्त शिक्षकों के संघ अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसका कड़ा विरोध करते हुए इसे न्यायादेश की अवमानना बताया है।

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झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव बलजीत सिंह ने कहा है कि विभाग ने पहली बार वर्ष 1993 में प्रोन्नति नियमावली में वर्णित प्रविधानों के अंतर्गत नियम-सम्मत तरीके से यह दिशानिर्देश जारी किया है और संघ इसका स्वागत करते हुए मांग करता है कि बिना देरी किए इसके आलोक में प्रधानाध्यापक के पदों में अहर्ताधारी योग्य शिक्षकों को शीघ्र प्रोन्नति मिले।

वहीं, अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने प्राथमिक शिक्षकों को भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति नहीं देकर योगदान की तिथि से ग्रेड चार और ग्रेड सात के पदों पर प्रोन्नति का विरोध किया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी, महासचिव राममूर्ति ठाकुर, प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर शिक्षकों को पद रिक्ति की तिथि से वैचारिक भूतलक्षी प्रोन्नति देने का विभागीय आदेश वर्ष 2021 में निर्गत किया गया, फिर इसको चुनौती देनेवाली एक याचिका को उच्च न्यायालय ने 26 जुलाई 2023 को खारिज कर दिया।

बाद में प्राथमिक शिक्षा निदेशक नेहा अरोड़ा ने उच्च न्यायालय के आदेश को लागू करने का पत्र भी जारी किया। लेकिन, शिक्षा सचिव के वर्तमान दिशानिर्देश में कोर्ट के आदेश को नजरअंदाज किया गया है। संघ इसके विरोध में उग्र आंदोलन करेगा। बता दें कि भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति का मतलब यह होता है कि शिक्षकों को उस तिथि से प्रोन्नति दी जाएगी जिस दिन से वे इसके लिए योग्य थे।

वर्ष 2015-16 में नियुक्त इंटर प्रशिक्षित शिक्षकों को ग्रेड चार में प्रोन्नति के लिए उत्तीर्ण होना होगा टेट

शिक्षा सचिव द्वारा जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2015-16 में कक्षा पहली से पांचवीं के लिए नियुक्त इंटर प्रशिक्षित शिक्षकों को ग्रेड चार (कक्षा छह से आठ के लिए) में प्रोन्नति देने के लिए टेट परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा।

शिक्षा सचिव के दिशानिर्देश में ये भी

  • ग्रेड-तीन में वैचारिक प्रोन्नति एक जनवरी 1998 की तिथि से अद्यतन वर्ष तक अनुमान्य की गई है ।
  • अहर्ताधारी शिक्षकों के नाम ग्रेड तीन और ग्रेड चार में प्रोन्नति हेतु बनी दोनों सूची में हो सकते हैं।
  • जिन शिक्षकों की नियुक्ति जेपीएससी/बीपीएससी द्वारा हुई है, उनकी आपसी वरीयता मेधा क्रमांक के आधार पर होगी।
  • वैसे इंटर प्रशिक्षित एवं स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक जिनकी नियुक्ति शिक्षक नियुक्ति नियमावली, 2012 में टेट के आधार पर हुई है, उनकी आपसी वरीयता नियुक्ति के समय बनी मेधा सूची में प्रविष्ट कुल मेधा अंक के आधार पर होगा। इसके साथ-साथ पारा एवं गैर पारा दोनों कोटि में नियुक्त शिक्षकों की समेकित वरीयता सूची बनेगी।
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